आकलैंड, 19 मार्च (एजेंसी) आस्ट्रेलिया ने महिला वनडे विश्व कप इतिहास में सबसे बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए शनिवार को यहां भारत को 6 विकेट से हराया और अपना सेमीफाइनल स्थान सुनिश्चित किया। कप्तान मिताली राज (96 गेंद में 68 रन), यास्तिका भाटिया (83 गेंद में 59 रन)और हरनप्रीत कौर (47 गेंद में नाबाद 57 रन) के अर्धशतकों से भारत ने 7 विकेट पर 277 रन का स्कोर खड़ा किया। टूर्नामेंट के इतिहास में कोई भी टीम इतने बड़े लक्ष्य का पीछा नहीं कर सकी थी, लेकिन आस्ट्रेलिया की शानदार फॉर्म और ईडन पार्क की बल्लेबाजी के मुफीद पिच पर मेग लैनिंग की अगुआई वाली टीम ने पांच मैचों में पांचवीं जीत दर्ज की। सलामी बल्लेबाज एलिसा हीली (65 गेंद में 72 रन) और रशेल हेन्स (52 गेंद में 43 रन) ने 121 रन की साझेदारी कर आस्ट्रेलिया को तेज शुरूआत करायी जिसके बाद कप्तान लैनिंग (107 गेंद में 97 रन) टीम को जीत के करीब ले गयीं। झूलन गोस्वामी को अंतिम ओवर में आठ रन का बचाव करना था, लेकिन बेथ मूनी (20 गेंद में नाबाद 30 रन) ने पहली तीन गेंदों पर टीम को जीत दिला दी। इस हार से भारत की सेमीफाइनल में पहुंचने की डगर मुश्किल हो गयी है जिसे पांच मैचों में तीसरी शिकस्त झेलनी पड़ी। 2017 चरण की उप विजेता टीम अब अपने बचे हुए लीग मैचों में दक्षिण अफ्रीका और बांग्लादेश से भिड़ेगी। मैच से पहले भारत के लिये जहां बल्लेबाजी चिंता का विषय बनी हुई थी, वहीं इसके विपरीत आस्ट्रेलिया ने इस चुनौतीपूर्ण लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लिया, हालांकि उसके गेंदबाजों को अपने प्रदर्शन पर काफी सोच विचार करना होगा। हीली और फॉर्म में चल रही हेन्स शुरू से ही आक्रामक रहीं, जिन्होंने अपनी मर्जी के अनुसार भारतीय गेंदबाजी आक्रमण के खिलाफ रन जुटाये। झूलन गोस्वामी और मेघना सिंह शुरू में या तो फुल लेंथ गेंदबाजी कर रही थीं, या फिर काफी शार्ट। हीली ने आक्रामक बल्लेबाजी करते हुए, उनके खिलाफ कवर ड्राइवर, कट शॉट्स और पुल शॉट से रन बनाये। भारत की सर्वश्रेष्ठ स्पिनर राजेश्वरी गायकवाड़ जब गेंदबाजी के लिये उतरीं तो हीली ने बेहतरीन स्वीप शॉट्स से प्रतिद्वंद्वी टीम को और दबाव में ला दिया। आस्ट्रेलियाई टीम जब जीत की ओर बढ़ रही थी, तभी बारिश ने खलल डाला और मैच रूक गया। तब टीम का स्कोर दो विकेट पर 225 रन था, लेकिन जल्द ही खेल शुरू हुआ और आस्ट्रेलिया ने बिना किसी परेशानी के जीत दर्ज की। इससे पहले मिताली और यास्तिका ने तब तीसरे विकेट के लिये 130 रन की अहम भागीदारी निभायी जब भारत ने सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना और शेफाली वर्मा के विकेट सस्ते में गंवा दिये थे। भारत का स्कोर दो विकेट पर 158 रन से छह विकेट पर 213 रन हो गया था, जिसके बाद हरमनप्रीत ने 47 गेंद में नाबाद 57 रन बनाकर टीम को 250 रन के स्कोर से आगे पहुंचाया। पूजा वस्त्राकर ने एक बार फिर अंत में तेजी से रन जोड़े, उन्होंने 28 गेंद में 34 रन बनाये। पूजा और हरमनप्रीत ने 47 गेंद में सातवें विकेट के लिये 64 रन की भागीदारी की जिससे भारत ने अंतिम पांच ओवर में अपने स्कोर में 52 रन का इजाफा किया। भारत ने बल्लेबाजी को मजबूती देने के लिये सलामी बल्लेबाज शेफाली को आल राउंडर दीप्ति शर्मा की जगह उतारा। बल्लेबाजी का न्योता मिलने के बाद शेफाली (12) और स्मृति (10 रन) बल्लेबाजी करने उतरी थीं, पर दोनों जल्दी आउट हो गयीं। यास्तिका ने तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए टूर्नामेंट में अपना पहला अर्धशतक जमाया। उन्होंने अनुभवी मिताली का अच्छा साथ निभाया जो एक स्थान नीचे चौथे नंबर पर उतरीं। पहले चार मैचों में अच्छा नहीं करने के वाली कप्तान ने आखिर अर्धशतकीय पारी खेली।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।