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गिल शायद कुलदीप को खिलाना चाहते थे : गावस्कर

महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर का मानना है कि शुभमन गिल को अंतिम एकादश चुनने में शायद अंतिम फैसला लेने का अधिकार नहीं था। उनका कहना है कि यह फैसला पूरी तरह से कप्तान का होना चाहिए और मुख्य कोच सहित...
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महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर का मानना है कि शुभमन गिल को अंतिम एकादश चुनने में शायद अंतिम फैसला लेने का अधिकार नहीं था। उनका कहना है कि यह फैसला पूरी तरह से कप्तान का होना चाहिए और मुख्य कोच सहित किसी अन्य का इस पर प्रभाव नहीं होना चाहिए।

बाएं हाथ के कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव को लगातार टीम में नहीं चुने जाने पर तीखी बहस छिड़ गई है, विशेषकर जो रूट के मौजूदा चौथे टेस्ट में रिकॉर्ड शतक के बाद। गावस्कर ने कहा, ‘आखिरकार, यह कप्तान की टीम होती है। हो सकता है कि शुभमन शारदुल को टीम में नहीं चाहते थे और कुलदीप को चाहते थे।’

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रूट को 2018 में मैनचेस्टर और लॉर्ड्स में सीमित ओवरों के मैचों तीन गेंद पर दो बार आउट करने के बावजूद कुलदीप अब तक पूरी टेस्ट शृंखला में बाहर रहे हैं। आम धारणा यह है कि मुख्य कोच गौतम गंभीर ने ऐसे गेंदबाजों पर जोर दिया है जो बल्ले से योगदान दे सकें। गावस्कर का मानना है कि कुलदीप को एकादश का हिस्सा होना चाहिए था। उन्होंने कहा, ‘उसे टीम में वह मिलना चाहिए था। वह कप्तान है। लोग उसके और उसकी कप्तानी के बारे में बात करेंगे। इसलिए यह फैसला असल में उसका ही होना चाहिए।’

पूर्व भारतीय कप्तान का यह भी मानना था कि आंतरिक मतभेदों या चयन के मुद्दों को जानबूझकर छुपाया जा सकता है, जिससे यह दिखाया जा सके कि ड्रेसिंग रूम में ‘सब कुछ ठीक है’।

भारत ने अब तक शुरुआती और मौजूदा चौथे टेस्ट में तेज गेंदबाजी करने वाले ऑलराउंडर शारदुल को चुना है, जबकि दूसरे और तीसरे मैच में नितीश कुमार रेड्डी एकादश का हिस्सा थे। हालांकि, इनका गेंदबाजी योगदान न्यूनतम रहा है।

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