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Sourav Ganguly : भारत के पूर्व कप्तान सौरव की अधूरी ख्वाहिश, बोले- रन तो बनाए, लेकिन कम रह गए शतक

गांगुली का सबसे बड़ा खेद, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में और अधिक शतक नहीं लगाना
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कोलकाता, 23 जून (भाषा)

Sourav Ganguly : भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 38 शतक लगाए हैं, लेकिन उन्हें यह संख्या पसंद नहीं है। उन्हें अपने क्रिकेट करियर के दौरान कई शतक चूकने का अफसोस है। अपने समय के बाएं हाथ के दिग्गज बल्लेबाज गांगुली ने टेस्ट और एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कुल मिलाकर 18575 रन बनाए।

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उन्हें करियर में कई शतक चूकने का अफसोस है। उन्होंने 311 एकदिवसीय और 113 टेस्ट मैच खेले। गांगुली ने यह अफसोस तब व्यक्त किया जब उनसे पूछा गया कि वह पुराने गांगुली को क्या सलाह देना चाहेंगे। गांगुली ने कहा, मैं कई बार शतक लगाने से चूक गया, मुझे और अधिक रन बनाने चाहिए थे। मैंने कई बार 90-80 रन बनाए। अगर गांगुली के आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि वह 30 बार 80 या 90 रन की संख्या पार करने के बाद आउट हुए। अगर इन पारियों को भी शतक में बदलने में सफल रहते तो उनके नाम पर 50 से अधिक शतक दर्ज होते। गांगुली जब अकेले होते हैं तो उन्हें अपनी पुरानी पारियां देखना पसंद है।

इससे उन्हें यह याद आता है कि वह और अधिक शतक बनाने के कितने करीब थे। उन्होंने कहा, मैं अपने (बल्लेबाजी के) वीडियो तब देखता हूं जब अकेला होता हूं। मेरी पत्नी घर में नहीं होती है क्योंकि सना लंदन में रहती है। मैं यूट्यूब पर जाता हूं और देखता हूं और खुद से कहता हूं अरे फिर 70 रन पर आउट हो गया। मुझे शतक बनाना चाहिए था, लेकिन अब आप इसे बदल नहीं सकते।

गांगुली ने वनडे में 72 और टेस्ट क्रिकेट में 35 अर्धशतक लगाए हैं। एक कप्तान के तौर पर कभी-कभी मुश्किल फैसले लेना ज़रूरी हो जाता है। आपको किसी खिलाड़ी को बाहर करके उस खिलाड़ी को शामिल करना पड़ता है जो आपको लगता है कि परिस्थितियों या टीम की जरूरत के हिसाब से अधिक बेहतर है। गांगुली ने दुनिया के महानतम लेग स्पिनरों में से एक अनिल कुंबले को टीम से बाहर किए जाने पर अफसोस जताया।

उन्होंने कहा कि अनिल कुंबले को कुछ बार मौका नहीं मिला, क्योंकि वह बहुत अच्छे खिलाड़ी थे। गांगुली से जब पूछा गया कि खिलाड़ियों को मोटा भुगतान करने वाले टी20 टूर्नामेंटों में खेलने के प्रलोभन को रोकने के लिए दुनिया भर में टी20 लीग के प्रसार पर अंकुश लगाने के लिए क्या अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को कड़े कदम उठाने चाहिए।

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