ENG vs IND : रोनाल्डो के वॉलपेपर और सीनियर खिलाड़ियों की हौसला अफजाई ने सिराज में भरा जोश
ENG vs IND : एक शहर, दो प्रतिष्ठित मैदानों के बीच 5.2 मील की दूरी और 20 दिन। यही वो पल थे जिन्होंने इंग्लैंड के इस थकान भरे दौरे में मोहम्मद सिराज की जिंदगी बदल दी। सिराज ने 14 जुलाई को यहां के लार्ड्स मैदान पर लाचार होकर शोएब बशीर की एक गेंद को अपने स्टंप्स से टकराते हुए देखा। वह काफी देर तक ऐसे झुके रहे मानो समय उनके लिए रुक गया हो।
आमतौर पर खुशमिजाज रहने वाले यह खिलाड़ी शायद रविंद्र जडेजा के शानदार संघर्ष के बेकार जाने और इंग्लैंड के बढ़त बनाने से हताश था। सिराज के अंदर का ‘योद्धा' एक बेहतर अंत का हकदार था। 4 अगस्त को एक बार गेंद के स्टंप्स से टकराने की जानी-पहचानी आवाज आई। इस बार इस भारतीय गेंदबाज से विकेट चटकाकर भारत को श्रृंखला में 2-2 से बराबरी दिलाई। गस एटकिंसन दूसरी तरफ निराश थे क्योंकि सिराज की तेज और फुल लेंथ की गेंद को वह चूक गए थे। इस बीच सिराज अपनी चुटीली हंसी के साथ जश्न मना रहे थे।
सिराज ने अपनी सहज हैदराबादी हिंदी में कहा कि असल में डीके भाई (दिनेश कार्तिक) ने अंग्रेजी में सवाल पूछना शुरू कर दिया था इसलिए उस समय सारी भावनाएं गायब हो गईं। इसे विडंबना ही कहिए, लेकिन जब वह 80 ओवर पुरानी ड्यूक्स गेंद से अपनी पूरी ताकत झोंक रहे थे और इंग्लैंड के बल्लेबाजों के दिमाग और बल्ले को चकमा दे रहे थे तब जडेजा ही थे, जिन्होंने इस 31 वर्षीय तेज गेंदबाज के लिए कुछ जोशीले शब्द कहे। सिराज ने अपने दिवंगत पिता के संदर्भ में कहा कि जड्डू भाई (जडेजा) ने बोला कि अपने पिता के बारे में सोचो और कितनी तकलीफ उन्होंने उठाई, तुझे उनके लिए यह (जीत हासिल करना) करना है।
टेस्ट श्रृंखला में 185.3 ओवर की गेंदबाजी और 23 विकेट लेने के बाद सिराज ने अपनी खुद की स्थायी विरासत बनाई है। सिराज ने कहा, ‘‘शरीर ठीक है... मुझे परवाह नहीं कि मेरे लिए यह छठा ओवर है या नौवां। मैं अपने लिए नहीं बल्कि अपने देश के लिए गेंदबाजी करता हूं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह अब तक खेले गए अपने 41 लाल गेंद वाले मुकाबलों में कितने और टेस्ट मैच जोड़ेंगे। सिराज ने कहा कि मैं सुबह उठा। अपने फोन पर गूगल चेक किया और ‘बिलीव' इमोजी वाला वॉलपेपर निकाला। खुद से कहा कि मैं यह देश के लिए करूंगा।
बाद में उन्होंने वह वॉलपेपर मीडिया को दिखाया। उस पर क्रिस्टियानो रोनाल्डो और एक शब्द ‘बिलीव' था जो उनकी प्रेरणा बन गया। सिराज के शब्दकोष में असंभव शब्द नहीं है और उन्हें हमेशा से यकीन था कि वह आखिरी टेस्ट में किसी भी स्थिति से भारत को जीत दिला सकते हैं। इंग्लैंड को आखिरी दिन मैच और श्रृंखला जीतने के लिए 35 रन और भारत को चार विकेट की जरूरत थी। सिराज ने आखिरी चार में से तीन विकेट चटकाकर भारत को छह रन से अविस्मरणीय जीत दिलाई। उन्होंने दूसरी पारी में 30.1 ओवर में 104 रन देकर 5 विकेट चटकाए।