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Duleep Trophy 2.0 : क्रिकेट के मैदान पर फिर चलेगा बल्ला, दलीप ट्रॉफी की भव्य वापसी

दलीप ट्रॉफी की पारंपरिक प्रारूप में वापसी, खिलाड़ियों के लिए काफी कुछ दांव पर
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Duleep Trophy 2025 : युवा और महत्वाकांक्षी खिलाड़ी दलीप ट्रॉफी के मंच पर अपना दबदबा बनाने की कोशिश करेंगे जब बृहस्पतिवार से लाल गेंद की इस प्रतियोगिता की अपने पारंपरिक क्षेत्रीय प्रारूप में वापसी होगी और इसके साथ ही भारत के घरेलू क्रिकेट सत्र की शुरुआत होगी। छह क्षेत्रीय टीम 1960 के दशक में शुरू की गई इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगी।

पिछले सत्र में जब यह प्रतियोगिता अव्यवस्थित ढंग से तैयार भारत ए, बी, सी और डी टीमों के बीच खेली गई थी तो हितधारक खुश नहीं थे और फिर उम्मीद के मुताबिक प्रतियोगिता की पुराने प्रारूप में वापसी हुई है। इस टूर्नामेंट ने पहले अधिक सुर्खियां नहीं बटोरी थी लेकिन बीसीसीआई द्वारा अपने स्टार खिलाड़ियों के लिए राष्ट्रीय टीम में नहीं होने या चोटिल नहीं होने पर घरेलू प्रतियोगिताओं में भाग लेना अनिवार्य करने के बाद यह फिर से प्रासंगिक हो गया है। इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय टेस्ट टीम में शामिल शारदुल ठाकुर पश्चिम क्षेत्र की टीम की कप्तानी करेंगे जिसमें श्रेयस अय्यर, सरफराज खान और यशस्वी जायसवाल शामिल हैं।

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भारत की टेस्ट टीम में अपनी जगह गंवा चुके अय्यर ढेरों रन बनाना चाहेंगे जबकि सरफराज के साथ भी यही स्थिति है जिन्हें हाल ही में इंग्लैंड दौरे के लिए नजरअंदाज़ किया गया था। एशिया कप टी20 के लिए नहीं चुना जाना अय्यर के लिए प्रेरणा का एक अतिरिक्त स्रोत होगा जिनके बाहर होने पर राय विभाजित हैं। जायसवाल को भी उनकी कोई गलती नहीं होने के बावजूद एशिया कप टीम से बाहर कर दिया गया था। घरेलू और विदेशी दोनों ही जगहों पर भारत के लिए लाल गेंद से उनका प्रदर्शन विशेष रहा है और वह अपने सत्र की शुरुआत अच्छी पारियों से करना चाहेंगे।

तिलक वर्मा की अगुवाई वाली दक्षिण क्षेत्र की टीम में सभी की नजरें आर साई किशोर पर होंगी जो हाथ की चोट के कारण बुची बाबू टूर्नामेंट से बाहर हो गए थे। लोकेश राहुल और साई सुदर्शन जैसे खिलाड़ी इस टूर्नामेंट में नहीं खेल रहे हैं। देवदत्त पडिक्कल चोट से उबरकर वापसी कर रहे हैं और प्रभावशाली प्रदर्शन उन्हें फिर से राष्ट्रीय टीम में जगह दिला सकता है। उन्होंने पिछले साल इंग्लैंड के खिलाफ पदार्पण किया था लेकिन ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद राष्ट्रीय टीम में अपनी जगह गंवा बैठे थे। पूरे इंग्लैंड दौरे के दौरान मौके का इंतजार करते रहे अभिमन्यु ईश्वरन चोटिल इशान किशन की अनुपस्थिति में पूर्वी क्षेत्र की टीम की कप्तानी करेंगे।

जाहिर है कि इंग्लैंड में लंबे समय तक मैदान से बाहर रहने के बाद ईश्वरन मैदान पर आकर रन बनाने के लिए बेताब होंगे। कई मौकों पर भारतीय टीम का हिस्सा होने के बावजूद ईश्वरन अभी तक पदार्पण नहीं कर पाए हैं और उन्हें घरेलू क्रिकेट में रन बनाते रहना होगा। गेंदबाजी विभाग में मोहम्मद शमी की लाल गेंद की फिटनेस का आकलन किया जाएगा क्योंकि चोट के कारण उन्होंने टेस्ट टीम में अपनी जगह खो दी है। यह 34 वर्षीय तेज गेंदबाज ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड दौरे का हिस्सा नहीं था और उन्होंने पिछली बार 2023 में टेस्ट मैच खेला था। केवल लंबे स्पैल और ढेर सारे विकेट ही चयनकर्ताओं को इस कुशल गेंदबाज पर ध्यान देने के लिए मजबूर कर सकते हैं जो अपने शीर्ष से आगे निकल चुका है।

शुभमन गिल को उत्तर क्षेत्र की कप्तानी के लिए चुना गया था लेकिन बीमारी के कारण वह शुरुआती मैच के लिए उपलब्ध नहीं हैं। गिल की अनुपस्थिति में उप कप्तान अंकित कुमार टीम की कमान संभाल सकते हैं। दलीप ट्रॉफी में भारत के नए टेस्ट कप्तान की मौजूदगी से टूर्नामेंट में और भी अधिक दिलचस्पी पैदा होती लेकिन वह फिलहाल उपलब्ध नहीं हैं। एशिया कप टीम में शामिल अर्शदीप सिंह और हर्षित राणा संभवतः केवल शुरुआती मैच में ही खेलेंगे और फिर यूएई जाने वाली टी20 टीम से जुड़ जाएंगे। अर्शदीप इंग्लैंड में सभी पांच टेस्ट मैच से बाहर रहे जबकि अंशुल कंबोज जैसा खिलाड़ी टीम में देर से शामिल होने के बावजूद पदार्पण करने में सफल रहा।

बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्शदीप टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए बेताब है और इसके लिए उन्हें लाल गेंद की घरेलू प्रतियोगिताओं में मौका मिलने पर अच्छा प्रदर्शन करना होगा। राणा लंबे प्रारूप में फिलहाल राष्ट्रीय चयनकर्ताओं की योजना का हिस्सा नहीं हैं और इसलिए उत्तर क्षेत्र के लिए अपने शुरुआती मैच में खुद को पूरी तरह झोंकने के उनके पास पर्याप्त कारण हैं। ध्रुव जुरेल और रजत पाटीदार मध्य क्षेत्र की टीम में उल्लेखनीय नाम हैं। टूर्नामेंट में जुरेल के नेतृत्व कौशल का आकलन किया जाएगा जबकि पाटीदार पिछले साल इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू श्रृंखला में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद टीम से अपनी जगह गंवाने के बाद राष्ट्रीय टीम में वापसी करने की कोशिश करेंगे। पूर्वोत्तर क्षेत्र की टीम के लिए खेल के दिग्गजों का सामना करना एक बड़ी चुनौती होगी और इस संदर्भ में एक उत्कृष्ट प्रदर्शन तुरंत ध्यान आकर्षित करेगा।

टीम इस प्रकार हैं:

दक्षिण क्षेत्र: तिलक वर्मा, मोहम्मद अजहरुद्दीन, तन्मय अग्रवाल, देवदत्त पडिक्कल, मोहित काले, सलमान निजार, नारायण जगदीशन, त्रिपुराना विजय, आर साई किशोर, तन्य त्यागराजन, विजयकुमार विशाक, निधीश एमडी, रिकी भुई, बासिल एनपी, गुरजपनीत सिंह और स्नेहल कौथंकर।

पूर्व क्षेत्र: अभिमन्यु ईश्वरन, संदीप पटनायक, विराट सिंह, डेनिश दास, श्रीदम पॉल, शरणदीप सिंह, कुमार कुशाग्र, रियान पराग, उत्कर्ष सिंह, मनीषी, सूरज सिंधू जायसवाल, मुकेश कुमार, आकाश दीप और मोहम्मद शमी।

पश्चिम क्षेत्र: शारदुल ठाकुर, यशस्वी जायसवाल, आर्या देसाई, हार्विक देसाई, श्रेयस अय्यर, सरफराज खान, रुतुराज गायकवाड़, जयमीत पटेल, मनन हिंगराजिया, सौरभ नवाले, शम्स मुलानी, तनुष कोटियन, धर्मंद्रसिंह जडेजा, तुषार देशपांडे और अर्जन नागवासवाला।

उत्तर क्षेत्र: शुभम खजूरिया, अंकित कुमार, आयुष बडोनी, यश धुल, अंकित कलसी, निशांत संधू, साहिल लोत्रा, मयंक डागर, युद्धवीर सिंह चरक, अर्शदीप सिंह, हर्षित राणा, अंशुल कंबोज, आकिब नबी और कन्हैया वधावन।

मध्य क्षेत्र: ध्रुव जुरेल, रजत पाटीदार, आर्यन जुयाल, दानिश मालेवार, संजीत देसाई, कुलदीप यादव, आदित्य ठाकरे, दीपक चाहर, सारांश जैन, आयुष पांडे, शुभम शर्मा, यश राठौड़, हर्ष दुबे, मानव सुतार और खलील अहमद।

पूर्वोत्तर क्षेत्र: जोनाथन रोंगसेन, आकाश कुमार चौधरी, तेची डोरिया, युमनुम कर्णजीत, सेडेझाली रूपेरो, आशीष थापा, हेम बहादुर छेत्री, जेहू एंडरसन, अर्पित सुभाष भटेवरा, फिरोजम जोतिन सिंह, पालजोर तमांग, अंकुर मलिक, बिश्वोरजीत सिंह कोंथौजम, आर्यन बोरा और लामाबम अजय सिंह।

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