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अफगानिस्तान पर मसौदा प्रस्ताव : मतदान से दूर रहा भारत

संयुक्त राष्ट्र, 8 जुलाई (एजेंसी)भारत ने अफगानिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में लाए गए मसौदा प्रस्ताव पर मतदान में भाग नहीं लिया और कहा कि ‘सामान्य तौर-तरीकों के साथ काम करने' से शायद वे परिणाम नहीं मिल पाएंगे, जिनकी वैश्विक...
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संयुक्त राष्ट्र, 8 जुलाई (एजेंसी)भारत ने अफगानिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में लाए गए मसौदा प्रस्ताव पर मतदान में भाग नहीं लिया और कहा कि ‘सामान्य तौर-तरीकों के साथ काम करने' से शायद वे परिणाम नहीं मिल पाएंगे, जिनकी वैश्विक समुदाय अफगान जनता के लिए अपेक्षा करता है। संयुक्त राष्ट्र की 193 सदस्यीय महासभा ने सोमवार को जर्मनी द्वारा पेश ‘अफगानिस्तान में स्थिति' पर प्रस्ताव को पारित किया। प्रस्ताव के पक्ष में 116 वोट पड़े, दो ने विरोध किया और 12 देश मतदान से दूर रहे, जिनमें भारत भी शामिल है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने मतदान में भाग न लेने पर कहा कि किसी भी युद्धोत्तर स्थिति से निपटने के लिए एक समेकित नीति में विभिन्न बातें समाहित होनी चाहिए, जिसमें सकारात्मक व्यवहार को प्रोत्साहित करने और हानिकारक कार्यों को हतोत्साहित करने वाले उपाय शामिल हों। हरीश ने कहा, ‘हमारे दृष्टिकोण में केवल दंडात्मक उपायों पर केंद्रित एकतरफा रुख नहीं चल सकता। संयुक्त राष्ट्र और व्यापक अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने अन्य युद्धोत्तर परिप्रेक्ष्य में अधिक संतुलित दृष्टिकोण अपनाए हैं।'

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उन्होंने कहा कि भारत, अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को यह सुनिश्चित करने के लिए अपने समन्वित प्रयास करने चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा नामित संस्थाएं और व्यक्ति, अलकायदा और उसके सहयोगी संगठन, इस्लामिक स्टेट और उसके सहयोगी संगठन, जिनमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद शामिल हैं, तथा उनके क्षेत्रीय प्रायोजक जो उनकी गतिविधियों में सहायता करते हैं, वे अब आतंकवादी गतिविधियों के लिए अफगान क्षेत्र का इस्तेमाल न कर सकें। उन्होंने यह बात पाकिस्तान के संदर्भ में कही।

 

 

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