नयी दिल्ली, 26 अगस्त (प्रेट्र)
ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा ने आज कहा कि वह टोक्यो खेलों के दौरान पाकिस्तानी अरशद नदीम द्वारा अपने भाले का इस्तेमाल करने पर हुई टिप्पणियों के विवाद से आहत हैं और उन्होंने पूरे हंगामे को ‘एक गंदे एजेंडे को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से प्रचार’ का नाम दिया। एथलेटिक्स में भारत का पहला ओलंपिक पदक जीतने वाले 23 वर्षीय सेना के जवान ने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा-खेल हमें एक साथ रहना और एकजुट होना सिखाता है। मेरी हालिया बयानों पर जनता की कुछ प्रतिक्रियाओं को देखकर मैं बेहद निराश हूं। अरशद नदीम ने अभ्यास के लिये अगर मेरे भाले का प्रयोग किया तो उसमें कुछ भी गलत नहीं था, यह नियमों के भीतर है और कृपया मेरे नाम का उपयोग एक गंदे एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए न करें।’
चोपड़ा ने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा था कि वह 7 अगस्त को ओलंपिक फाइनल के दौरान अपने पहले थ्रो से पहले वह अपना व्यक्तिगत भाला तलाश कर रहे थे और देखा कि और नदीम उसे थामे हुए है। नियमों के अनुसार, कोई भी प्रतियोगी किसी का भी भाला फेंक सकता है। पोल वॉल्ट को छोड़कर सभी फील्ड इवेंट में यह नियम लागू होता है। चोपड़ा, जिन्होंने फाइनल के दौरान नॉर्डिक ब्रांड के ‘वल्लाह’ संस्करण के भाले का इस्तेमाल किया था, ने स्पष्ट किया कि नदीम, जो पांचवें स्थान पर रहा था, ने कुछ भी गलत नहीं किया था।’ चोपड़ा ने अपने ट्वीट के साथ पोस्ट की गई एक वीडियो क्लिप में यह बात कही। उन्होंने कहा कि हम अपना व्यक्तिगत भाला (एक होल्डिंग रैक के अंदर) रखते हैं, लेकिन इसका उपयोग कोई भी कर सकता है। यह नियम है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। वह (नदीम) मेरे भाले से अपने थ्रो की तैयारी कर रहा था। मैंने उसे अपने थ्रो के लिए मुझे देने के लिए कहा। उन्होंने कहा, ‘मैं बहुत दुखी हूं कि मेरा नाम लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। हम जैवलिन थ्रोअर एक दूसरे से अच्छे संबंध साझा करते हैं। ऐसा नहीं है कि आप अपना निजी भाला लेकर आए हैं और कोई इसका इस्तेमाल नहीं कर सकता। जब आप इसे होल्डिंग रैक पर रखते हैं, तो दूसरे भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। कोई भी प्रतिभागी किसी भी भाले का उपयोग कर सकता है।