Delhi Mondo Track : दिल्ली का मोंडो ट्रैक बना गोल्डन बॉय नीरज की पसंद, बोले - प्रतिस्पर्धा का मजा आएगा
Delhi Mondo Track : भारत के स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा ने विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप के दौरान यहां नए बनाए गए मोंडो ट्रैक पर मंगलवार को पैरा भाला फेंक खिलाड़ी सुमित अंतिल के स्वर्ण पदक जीतने पर खुशी जताई और कहा कि वह भी यहां इस बेहतरीन सतह पर प्रतिस्पर्धा करना पसंद करेंगे।
दो बार के ओलंपिक पदक विजेता भाला फेंक खिलाड़ी नीरज ने कुछ समय पहले केंद्रीय खेल मंत्रालय से मोंडो ट्रैक स्थापित करने का अनुरोध किया था क्योंकि इससे भारतीय एथलीटों को अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए बेहतर ट्रेनिंग में मदद मिलेगी। विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में नए बनाए गए मोंडो ट्रैक पर आयोजित होने वाली पहली बड़ी एथलेटिक्स प्रतियोगिता है।
विशेष रूप से पैरा भाला फेंक प्रतियोगिता देखने के लिए पहुंचे नीरज ने कहा, ‘‘मुझे बेहद खुशी है कि यहां (जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में) मोंडो ट्रैक बिछाया गया है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमें इसी सतह पर प्रतिस्पर्धा करनी होती है।'' हाल ही में तोक्यो में अपना खिताब बचाने में नाकाम रहे पूर्व विश्व चैंपियन नीरज ने कहा, ‘‘मैं इस मोंडो ट्रैक पर प्रतिस्पर्धा करना पसंद करूंगा। मैंने आखिरी बार 2016 में यहां (जेएलएन स्टेडियम) प्रतिस्पर्धा की थी और निश्चित रूप से यहां आकर फिर से प्रतिस्पर्धा करना चाहूंगा।''
नीरज ने विश्व चैंपियनशिप के बाद कहा था कि उन्हें पीठ में ऐंठन की समस्या हो रही है। इस चैंपियन खिलाड़ी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि सुमित ने मीट रिकॉर्ड तोड़ा लेकिन उन्होंने कहा कि वह विश्व रिकॉर्ड को भी लक्ष्य बना सकते थे। सुमित ने विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में अपना लगातार तीसरा खिताब जीतकर अपना स्वर्णिम अभियान जारी रखा। उन्होंने पुरुषों की एफ64 स्पर्धा में 71.37 मीटर के मीट रिकॉर्ड थ्रो के साथ जीत हासिल की। उन्होंने पिछले साल बनाए 70.83 मीटर के अपने ही चैंपियनशिप रिकॉर्ड में सुधार किया।
नीरज ने कहा, ‘‘उन्होंने चैंपियनशिप रिकॉर्ड बनाया। मुझे लगता है कि वह इससे भी बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे और विश्व रिकॉर्ड बना सकते थे। यह बहुत बड़ी बात है कि यह बड़ी पैरा एथलेटिक्स प्रतियोगिता हमारे देश में हो रही है। मैं इस उपलब्धि के लिए देवेंद्र झझारिया (भारतीय पैरालंपिक समिति के अध्यक्ष) को बधाई देता हूं।'' उन्होंने कहा, ‘‘भारत भाला फेंक में मेरी वजह से नहीं बल्कि देवेंद्र झझारिया की वजह से एक शक्तिशाली देश बन गया है। झझारिया ने इसकी शुरुआत (पैरालंपिक स्वर्ण जीतकर) की थी। फिर मैं ओलंपिक में आया, फिर भारतीय पैरा एथलीट आए, सुमित (अंतिल), रिंकू ने सफलता हासिल की।''