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Cricket's Mega Showdown खिताबी जंग : क्या टूटेगा न्यूज़ीलैंड का तिलिस्म या फिर छिन जाएगा भारत का सुनहरा मौका?

स्पिनर्स होंगे खेल के असली नायक, कोहली-रोहित की अग्निपरीक्षा
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2019 की कड़वी यादें और कीवी टीम की चुनौती

दीपांकर शारदा/ट्रिन्यू

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चंडीगढ़, 9 मार्च

Cricket's Mega Showdown आज दुबई में क्रिकेट इतिहास की नई इबारत लिखी जाएगी। भारत और न्यूज़ीलैंड की टीमें चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में आमने-सामने होंगी, और हर भारतीय फैन के दिल में एक ही सवाल होगा—क्या इस बार इतिहास बदलेगा?

भारतीय क्रिकेट प्रेमी अब भी 2019 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल की हार नहीं भूले हैं, जब न्यूज़ीलैंड ने टीम इंडिया के सपनों को चकनाचूर कर दिया था। आईसीसी टूर्नामेंट में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ भारत का रिकॉर्ड 10-6 का है, जिससे यह मुकाबला और भी रोमांचक हो जाता है।

स्पिनर्स होंगे गेम चेंजर

यह फाइनल सिर्फ बैट और बॉल का नहीं, बल्कि स्पिनर्स के दिमाग़ी खेल का होगा। भारत के पास कुलदीप यादव, रवींद्र जडेजा, वरुण चक्रवर्ती और अक्षर पटेल जैसे बेहतरीन स्पिनर्स हैं। चक्रवर्ती ने पिछले मुकाबले में न्यूज़ीलैंड को परेशान किया था, और इस बार भी उनसे जादुई प्रदर्शन की उम्मीद होगी।

वहीं, न्यूज़ीलैंड भी किसी से कम नहीं। उनके पास मिशेल सैंटनर, माइकल ब्रेसवेल, रचिन रवींद्र और ग्लेन फिलिप्स जैसे घातक स्पिनर्स हैं, जो भारतीय बल्लेबाजों की परीक्षा लेंगे।

कोहली-रोहित की अग्निपरीक्षा

बड़े मुकाबलों में बड़े खिलाड़ी चमकते हैं, और इस फाइनल में भारत को विराट कोहली और रोहित शर्मा से बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद होगी। हालांकि, टूर्नामेंट में अब तक मध्यक्रम ने ज़िम्मेदारी संभाली है, लेकिन फाइनल जैसे मुकाबले में अनुभव की दरकार होती है।

श्रेयस अय्यर, केएल राहुल, हार्दिक पांड्या और अक्षर पटेल भी शानदार फॉर्म में हैं, लेकिन फैंस की नज़रें कोहली और रोहित पर टिकी रहेंगी, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट की नई पहचान बनाई है।

शमी की फिटनेस होगी अहम

तेज़ गेंदबाज़ी के मोर्चे पर मोहम्मद शमी की फिटनेस पर सबकी निगाहें होंगी। अगर वह पूरी तरह फिट रहते हैं, तो हार्दिक पांड्या के साथ मिलकर भारतीय गेंदबाजी को धार देंगे। अगर पिच भारत-पाकिस्तान मैच जैसी रही, तो स्पिनर्स न्यूज़ीलैंड के बल्लेबाजों को घुटने टेकने पर मजबूर कर सकते हैं।

क्या इस बार बदलेगा इतिहास?

आईसीसी टूर्नामेंट के नॉकआउट मुकाबलों में भारत का न्यूज़ीलैंड के खिलाफ रिकॉर्ड निराशाजनक रहा है, लेकिन यह भारतीय टीम अलग है। टूर्नामेंट में अब तक अजेय रही टीम इंडिया के पास हर मोर्चे पर जीतने का दमखम है।

फैंस को 2019 के सेमीफाइनल की हार अब भी सालती है, लेकिन क्या इस बार भारत इतिहास बदल पाएगा? क्या विराट-रोहित की जोड़ी इस बार न्यूज़ीलैंड से हिसाब चुकता करेगी? क्या भारतीय स्पिनर्स का जादू चलेगा या फिर न्यूज़ीलैंड एक बार फिर भारत का सपना तोड़ देगा?

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