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Eden Gardens पिच पर क्रिकेटरों का फूटा गुस्सा, ‘टेस्ट क्रिकेट का मजाक’ बताकर भड़के हरभजन, बोले इस विकेट पर कोहली तेंदुलकर भी नहीं टिक सकते

Eden Gardens दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट के दौरान ईडन गार्डन्स की पिच को लेकर क्रिकेट जगत में तीखी बहस शुरू हो गई है। पूर्व भारतीय ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने इसे ‘टेस्ट क्रिकेट का पूरा मजाक’ बताते हुए...

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पहली पंक्ति में बैठे भारतीय टीम के फील्डिंग कोच टी दिलीप, बल्लेबाजी कोच सितांशु कोटक, मुख्य कोच गौतम गंभीर और अन्य सदस्य ईडन गार्डन्स में भारत दक्षिण अफ्रीका टेस्ट के दूसरे दिन डगआउट में नजर आते हुए। -पीटीआई
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Eden Gardens दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट के दौरान ईडन गार्डन्स की पिच को लेकर क्रिकेट जगत में तीखी बहस शुरू हो गई है। पूर्व भारतीय ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने इसे ‘टेस्ट क्रिकेट का पूरा मजाक’ बताते हुए सोशल मीडिया पर ‘#RIPTESTCRICKET’ लिखकर अपना गुस्सा जाहिर किया।

हरभजन ने दूसरे दिन कहा, ‘इस पिच पर विराट कोहली या सचिन तेंदुलकर भी टिक नहीं सकते।’ एक ही सत्र में सत्रह विकेट गिरने के बाद उन्होंने कहा, ‘यह क्रिकेट नहीं है। शर्म की बात है कि मैच दूसरे दिन ही खत्म होने को है। मुकाबला कहां है, संतुलन कहां है?’

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सूखी, फटी और पहले दिन से ही खतरनाक उछाल और तेज टर्न देने वाली इस पिच ने खेल पर पूरी तरह असर डाला है। दो दिनों में तैंतीस विकेट गिर चुके हैं, जिनमें अट्ठाईस विकेट स्पिनरों को मिले।

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इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन भी हरभजन की आलोचना से सहमत दिखे। उन्होंने पोस्ट किया, ‘कोलकाता की पिच बेहद खराब है। खेल हाहाकार में बदल गया है। यह टेस्ट क्रिकेट नहीं है, बल्कि एक लॉटरी है।’ वॉन ने आगे कहा कि ऐसे विकेट ‘प्रतिस्पर्धा को खत्म कर देते हैं’ और पांच दिन के खेल का महत्व कम कर देते हैं।

भारत के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान ने कमेंट्री के दौरान पिच की हालत पर हैरानी जताई। पूर्व बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ ने इसे 5.5 अंक देते हुए कहा, ‘यह पिच खेल योग्य नहीं है। उछाल असंगत है। बल्लेबाज शॉट खेलने के बजाय आउट होने का इंतजार कर रहे हैं।’

दिनेश कार्तिक ने भी एक अहम जानकारी साझा की। उन्होंने कहा, ‘मैच से एक रात पहले पिच को पानी नहीं दिया गया था। इसी वजह से यह इतनी जल्दी टूट गई।’

दक्षिण अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज वर्नन फिलैंडर ने हालांकि खिलाड़ियों को परिस्थितियों के अनुरूप ढलने की सलाह दी। उन्होंने कहा, ‘बात पिच की नहीं, खिलाड़ियों की होनी चाहिए। टेस्ट क्रिकेट का मतलब ही है परिस्थितियों को समझना।’ जबकि बैटिंग कोच ऐशवेल प्रिंस बोले, ‘जब गेंद कभी ऊपर उठ जाए और कभी बिल्कुल नीचे रह जाए, तो बल्लेबाज शॉट के लिए कमिट नहीं कर सकता।’

‘पुअर पिच’ रेटिंग और संभावित डिमेरिट प्वाइंट्स की आशंका

भारत जहां 1 0 की बढ़त के करीब है, वहीं बहस का केंद्र पिच ही बनी रही। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान आरोन फिंच ने अलग राय रखते हुए कहा, ‘हर किसी को यह पसंद नहीं आएगी, लेकिन हर गेंद रोमांच पैदा कर रही है। जूझते बल्लेबाजों को देखना भी दिलचस्प है।’

आईसीसी द्वारा ‘पुअर पिच’ रेटिंग और संभावित डिमेरिट प्वाइंट्स की आशंका के बीच हरभजन का संदेश गूंजता रहा, ‘अगर ऐसी पिचें मिलती रहीं तो टेस्ट क्रिकेट को खत्म करने के लिए किसी विरोधी की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसे हम खुद ही खत्म कर देंगे।’

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