Cricket News : भारतीय टीम की रणनीति में नया ट्विस्ट; ऋषभ पंत की वापसी, ध्रुव जुरेल का धमाका रहेगा जारी
Cricket News : दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट श्रृंखला के लिए भारतीय विकेटकीपर और उपकप्तान ऋषभ पंत जब टीम में वापसी करेंगे तो ध्रुव जुरेल की शानदार लय को भारतीय टीम प्रबंधन और राष्ट्रीय चयन समिति द्वारा नजरअंदाज करना काफी मुश्किल होगा। श्रृंखला का पहला टेस्ट मैच कोलकाता में 14 नवंबर से शुरू होगा और इसमें जुरेल का बल्लेबाज के तौर खेलना लगभग तय माना जा रहा है।
पंत जब टखने के फ्रैक्चर से उबर रहे थे, तब जुरेल ने भारत के लिए पिछले तीन टेस्ट मैचों लंदन (ओवल), अहमदाबाद और दिल्ली में विकेटकीपिंग की थी लेकिन उप-कप्तान की वापसी ने कोलकाता में एक हफ्ते से भी कम समय में शुरू होने वाले पहले टेस्ट से पहले अंतिम एकादश का चयन थोड़ा मुश्किल बना दिया है। घरेलू सत्र की शुरुआत से जुरेल ने 140, एक और 56, 125, 44 और छह, नाबाद 132 और नाबाद 127 रन की शानदार पारियां खेली है। उन्होंने इस दौरान प्रथम श्रेणी के पिछले आठ मैच में तीन शतक और एक अर्धशतक लगाये है जिसमें से एक शतक टेस्ट मैच में आया है।
बीसीसीआई के एक सूत्र ने गोपनीयता की शर्त पर कहा कि जुरेल के विशेषज्ञ बल्लेबाज के तौर पर खेलने की संभावना है। उन्हें आदर्श रूप से साईं सुदर्शन की जगह तीसरे क्रम या हरफनमौला नीतीश कुमार रेड्डी की जगह निचले क्रम में बल्लेबाजी के लिए उतारा जा सकता है। भारतीय परिस्थितियों में टीम को रेड्डी की गेंदबाजी की ज्यादा जरूरत नहीं होगी। ऐसा माना जा रहा है कि वेस्टइंडीज के खिलाफ अहमदाबाद में पहली पारी में रेड्डी को केवल चार ओवर गेंदबाजी करने का मौका दिए जाने के बाद दिल्ली टेस्ट मैच में देवदत्त पडिक्कल को खिलाने पर गंभीरता से विचार-विमर्श हुआ था।
दिल्ली टेस्ट में उन्हें बल्लेबाजी का कुछ समय देने के लिए बल्लेबाजी क्रम में ऊपर भेजा गया था, लेकिन उन्हें गेंदबाजी का मौका नहीं दिया गया। गौतम गंभीर आठवें नंबर तक बल्लेबाजी करने वाले खिलाड़ी को एकादश में रखने के पक्ष में रहते है लेकिन वह जुरेल को मध्यक्रम में अधिक मौका देना चाहेंगे। भारत दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन स्पिनरों और दो तेज गेंदबाजों के साथ खेल सकता है।
महेंद्र सिंह धोनी और दिनेश कार्तिक, धोनी और पार्थिव पटेल, धोनी और ऋषभ पंत अलग-अलग समय पर भारत के लिए एक ही सीमित ओवरों की टीम का हिस्सा रहे हैं, लेकिन टेस्ट एकादश में दो विशेषज्ञ विकेटकीपरों के होने के ज्यादा उदाहरण नहीं हैं। किरण मोरे और चंद्रकांत पंडित ने 1986 में कुछ टेस्ट मैच खेले (एक इंग्लैंड में और एक भारत में)। पंडित एक विशेषज्ञ बल्लेबाज के रूप में खेले।
