Chess World Cup Winner : शतरंज विश्व कप चैंपियन दिव्या देशमुख बोलीं - मैं एक आक्रामक खिलाड़ी हूं, दबाव के बारे में अधिक नहीं सोचती
Chess World Cup Winner : फिडे महिला शतरंज विश्व कप चैंपियन दिव्या देशमुख ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह एक आक्रामक खिलाड़ी हैं और उनके लिए दबाव अधिक मायने नहीं रखता। उन्नीस वर्षीय दिव्या 28 जुलाई को जॉर्जिया के बातुमी में महिला विश्व कप जीतने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बनीं।
उन्होंने दो भारतीय खिलाड़ियों के बीच हुए फाइनल में टाईब्रेकर में कोनेरू हम्पी को हराया। इस जीत ने ना केवल उन्हें प्रतिष्ठित खिताब दिलाया, बल्कि उन्हें ग्रैंडमास्टर भी बना दिया। यहां मीडिया से बातचीत करते हुए दिव्या ने कहा कि उनके लिए रणनीति और आक्रामक पोजिशन में जाना आसान है।
दिव्या ने कहा, ‘‘दबाव मेरे लिए अधिक मायने नहीं रखता। जो मायने रखता है वह है मेरी अपनी उम्मीदें और लक्ष्य।'' अपनी आक्रामकता और मानसिक दृढ़ता के लिए पहचाने जाने वाले भारत के पूर्व दिग्गज क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से अक्सर होने वाली तुलना के बारे में पूछे जाने पर दिव्या ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि आक्रामकता हमेशा से मेरे खेल का हिस्सा रही है।''
उन्होंंने कहा, ''मेरे लिए रणनीति और आक्रामक पोजिशन अपनाना आसान है। मुझे लगता है कि यही मेरी शैली है।'' दिसंबर में चीन के डिंग लिरेन हराकर सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बने 18 साल के डी गुकेश के साथ समानताओं के बारे में पूछे जाने पर दिव्या ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हम दोनों का अंत तक लड़ना सबसे बड़ी समानता है।''