लुसाने, 4 अगस्त (एजेंसी) क्रिकेट की ओलंपिक खेलों में बहुप्रतीक्षित वापसी की संभावना बढ़ गई है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने इसे अमेरिका के लॉस एंजलिस मे 2028 में होने वाले ओलंपिक में शामिल करने के लिए नौ अन्य खेलों के साथ समीक्षा खेलों में रखा है। क्रिकेट को केवल एक बार ओलंपिक खेलों में जगह मिली है। पेरिस में 1900 में खेले गए खेलों में क्रिकेट शामिल था। तब इसमें केवल ब्रिटेन और मेजबान फ्रांस ने हिस्सा लिया था। ईएसपीएनक्रिकइंफो के अनुसार लॉस एंजलिस खेलों की आयोजन समिति तथा आईओसी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को अपनी प्रस्तुति देने के लिए आमंत्रित किया था जिसके एक दिन बाद क्रिकेट को समीक्षा खेलों में शामिल करने का फैसला किया गया। इस पर अंतिम फैसला हालांकि मुंबई में 2023 में होने वाले आईओसी सत्र से पहले लिए जाने की संभावना है। जिन अन्य खेलों को समीक्षा सूची में रखा गया है उनमें बेसबॉल / सॉफ्टबॉल, फ्लैग फुटबॉल, लैक्रोस, ब्रेक डांसिंग, कराटे, किकबॉक्सिंग, स्क्वाश और मोटरस्पोर्ट शामिल हैं। आईओसी ने इस साल के शुरू में कहा था ओलंपिक 2028 में कुल 28 खेलों को शामिल किया जाएगा। उसने इसके साथ ही कहा था कि युवाओं पर ध्यान देते हुए संभावित नए खेलों को जोड़ने पर भी विचार किया जाएगा। आईओसी के अनुसार किसी खेल को ओलंपिक में शामिल करने के लिए उसे कुछ मानदंडों पर खरा उतरना चाहिए। इसमें लागत और जटिलता कम होना, सुरक्षा और स्वास्थ्य के साथ सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों की उपलब्धता वाले खेलों को पहले शामिल करना, वैश्विक अपील, मेजबान देश का हित, लैंगिक समानता, युवा प्रासंगिकता, दीर्घकालिक स्थिरता आदि शामिल हैं। क्रिकेट को अभी वर्तमान राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल किया गया है लेकिन इसमें केवल महिला क्रिकेटर हिस्सा ले रहे हैं। इसमें आठ देश टी20 प्रारूप में खेल रहे हैं। लेकिन ओलंपिक खेलों में शामिल खेल में महिला और पुरुष दोनों का होना जरूरी है। आईसीसी के सीईओ ज्योफ एलार्डिस ने कहा कि बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में जिस तरह से क्रिकेट विशेष आकर्षण बना हुआ है उससे वह खुश हैं।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।