Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

भाग्यश्री, सुमित बने भारतीय दल के ध्वजवाहक

पेरिस में पैरालंपिक का आगाज
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
पेरिस में पैरालंपिक खेलों की शुरुआत के दौरान भारतीय दल का नेतृत्व करतीं भाग्यश्री जाधव एवं सुमित। - प्रेट्र
Advertisement

पेरिस, 29 अगस्त (एजेंसी)

भाला फेंक सितारे सुमित अंतिल और शॉटपुट खिलाड़ी भाग्यश्री जाधव ने चैम्प्स एलिसीस एवेन्यू से शुरू होकर प्लेस डे ला कोंकोर्ड तक चार घंटे तक चले पैरालंपिक खेल उद्घाटन समारोह में भारतीय दल की अगुवाई की। फ्रांस के राष्ट्रपति एमैन्युल मैकरोन ने खेलों की शुरुआत की घोषणा की। भारत ने पैरालंपिक खेलों के इतिहास में अपना सबसे बड़ा 179 सदस्यीय दल भेजा है इसमें 12 खेलों के 84 खिलाड़ी शामिल हैं। तोक्यो पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले अंतिम और चीन के एशियाई पैरा खेलों में रजत पदक जीतने वाली भाग्यश्री भारतीय दल के ध्वजवाहक थे। उद्घाटन समारोह विविधता, लचीलापन और प्रतिस्पर्धा की भावना को समर्पित था और इसमें ऐसे प्रदर्शन शामिल थे जो फ्रांसीसी संस्कृति और दृढ़ संकल्प और समानता के पैरालंपिक खेलों के मूल्यों की बानगी देते हैं। भारत ने खेलों के पिछले संस्करण में पांच स्वर्ण सहित 19 पदक जीते थे और इस बार दोहरे अंकों में 25 तक ले जाने की उम्मीद है।

Advertisement

बैडमिंटन : भारत के 8 खिलाड़ियों ने शुरुआती एकल जीते

तोक्यो रजत पदक विजेता सुहास यथिराज सहित भारत के 8 पैरा शटलरों ने मजबूत शुरुआत करते हुए बृहस्पतिवार को यहां पैरालम्पिक खेलों में बैडमिंटन एकल स्पर्धा में अपने शुरूआती ग्रुप मैचों में जीत दर्ज की। पुरुष एकल एसएल4 ग्रुप में सुहास के अलावा सुकांत कदम और तरुण ने अपने शुरुआती मैचों में अलग अलग अंदाज में जीत हासिल की। नितेश कुमार (एसएल 3), पलक कोहली (एसएल 4), तुलसीमति मुरूगेसन (एसयू 5), मनीषा रामदास (एसयू 5) और नित्या श्री सुमति सिवान (एसएच 6) ने भी पहले दौर की बाधा पार की।

तीरंदाज शीतल रैंकिंग दौर में दूसरे स्थान पर

भारत की बिना बांह की तीरंदाज शीतल देवी महिला व्यक्तिगत कंपाउंड ओपन रैंकिंग दौर में शानदार प्रदर्शन करते हुए दूसरे स्थान पर रहीं जिससे उन्हें पेरिस पैरालंपिक के राउंड ऑफ 16 में सीधे प्रवेश किया। जम्मू-कश्मीर की 17 साल की शीतल का जन्म बिना बांह के हुआ था और वह अपने पैरों से तीरंदाजी करती हैं। शीतल ने 720 अंक में से 703 अंक जुटाए और तुर्की की ओजनुर गिर्डी क्यूर के बाद दूसरे स्थान पर रहीं। ओजनुर ने 704 अंक के साथ विश्व रिकॉर्ड बनाया।

Advertisement
×