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बजरंग-विनेश को ट्रायल में छूट... हाईकोर्ट में चुनौती

नयी दिल्ली, 19 जुलाई (एजेंसी) पहलवान अंतिम पंघाल और सुजीत कलकल ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में एशियाई खेलों के ट्रायल्स के लिए विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को दी गयी छूट के फैसले को चुनौती दी और साथ ही...
कोर्ट की चौखट तक पहुंचे पहलवान सुजीत कलकल एवं अंतिम पंघाल।
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नयी दिल्ली, 19 जुलाई (एजेंसी)

पहलवान अंतिम पंघाल और सुजीत कलकल ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में एशियाई खेलों के ट्रायल्स के लिए विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को दी गयी छूट के फैसले को चुनौती दी और साथ ही उन्होंने महाद्वीपीय टूनामेंट के लिए चयन प्रक्रिया में निष्पक्षता की मांग की। इन दोनों पहलवानों की संयुक्त याचिका चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा के समक्ष पेश की गयी जिन्होंने इस मामले की सुनवाई की तारीख गुरुवार तय की। याचिका में मांग की गयी कि आईओए (भारतीय ओलंपिक संघ) की तदर्थ समिति द्वारा दो वर्गों (पुरुष फ्रीस्टाइल 65 किग्रा और महिलाओं की 53 किग्रा) के संदर्भ में जारी किए गये निर्देशों को खारिज कर दिया जाये तथा बजरंग और विनेश को दी गयी छूट खत्म कर दी जाये। याचिका में मांग की गयी कि ट्रायल्स निष्पक्ष तरीके से कराये जाने चाहिए जिसमें किसी भी पहलवान को कोई छूट नहीं दी जानी चाहिए और पूरी प्रकिया की वीडियोग्राफी की जाये। हिसार की 19 वर्षीय पंघाल और सोनीपत में ट्रेनिंग करने वाले 21 साल के सुजीत ने अलग-अलग वीडियो के जरिये तदर्थ पैनल के फैसले पर सवाल उठाये।

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जूनियर पहलवानों को होता है नुकसान’

नयी दिल्ली : भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने बुधवार को कहा कि बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को एशियाई खेलों के ट्रायल्स से छूट देने का फैसला ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है और इससे भारत में कुश्ती को नुकसान पहुंचेगा। उल्लेखनीय है ये दोनों पहलवान बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के अगुआ थे। सिंह ने कहा कि उन्होंने पहलवानों को छूट देने की प्रथा खत्म कर दी थी क्योंकि उन्हें महसूस हुआ कि इससे जूनियर पहलवानों का नुकसान हो रहा था। ‘तदर्थ समिति ने जो फैसला किया, उससे मैं काफी दुखी हूं। ये निर्णय इस देश की कुश्ती को गर्त में मिला देगा। इस खेल को ऊपर लाने में काफी लोगों ने मेहनत की है। खिलाड़ियों ने, उनके माता-पिता ने और इस खेल के प्रशंसकों ने बहुत मेहनत की है। ...आज देश के अंदर एक ही खेल (कुश्ती) ऐसा है जिसके अंदर ओलंपिक में पदक गारंटी माना जाता है। एशियाई खेल जैसे टूर्नामेंट में बिना ट्रायल्स के इन पहलवानों को भेजने का फैसला बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।’ जब उनसे सवाल पूछा गया कि उनके कार्यकाल के दौरान भी विनेश, बजरंग और अन्य पहलवानों को 2018 एशियाई खेलों के लिए ट्रायल्स से छूट दी गयी थी और यहां तक कि 2022 राष्ट्रमंडल खेलों के ट्रायल्स के दौरान भी ऐसा किया गया, तो उन्होंने स्वीकार किया कि यह गलती थी, जिसे बाद में नियम बनाकर सुधारा गया था।

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चुनौतीछूट…ट्रायलबजरंग-विनेशहाईकोर्ट
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