AUS vs WI ऑस्ट्रेलिया ने रचा इतिहास : टेस्ट इतिहास का दूसरा सबसे कम स्कोर, वेस्टइंडीज को 27 रन पर समेटा, 3-0 से सीरीज़ पर कब्ज़ा
किंग्स्टन (जमैका), 15 जुलाई (एपी)
ऑस्ट्रेलिया ने टेस्ट क्रिकेट में अपनी श्रेष्ठता एक बार फिर साबित कर दी। मिशेल स्टार्क और स्कॉट बोलैंड की कहर बरपाती गेंदबाज़ी के दम पर टीम ने वेस्टइंडीज को महज 27 रन पर ऑलआउट कर तीसरा टेस्ट 176 रन से जीत लिया और सीरीज़ पर 3-0 से क्लीन स्वीप कर फ्रैंक वॉरेल ट्रॉफी अपने नाम रखी।
वेस्टइंडीज़ का 27 रन का स्कोर टेस्ट इतिहास में किसी टीम का दूसरा सबसे कम स्कोर है। सबसे कम स्कोर 26 रन (न्यूजीलैंड, 1955) का रिकॉर्ड इस बार बाल-बाल बचा — वह भी ऑस्ट्रेलियाई क्षेत्ररक्षक की एक चूक की वजह से।
स्टार्क का 'शतक': 100वां टेस्ट और 400 विकेट पूरे
अपना 100वां टेस्ट खेल रहे मिचेल स्टार्क ने 9 रन देकर 6 विकेट झटके, जिनमें 15 गेंदों में 5 विकेट लेकर उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज़ फाइव विकेट हॉल का रिकॉर्ड बनाया।
उन्होंने इसी मैच में 400 टेस्ट विकेट भी पूरे किए — ऐसा करने वाले वे दुनिया के कुछ चुनिंदा गेंदबाज़ों में शामिल हो गए।
स्टार्क ने वेस्टइंडीज़ की दूसरी पारी की पहली ही गेंद पर विकेट लिया और पहले ओवर में 3 विकेट चटका दिए। उन्होंने लगातार दो गेंदों पर विकेट लिए, लेकिन हैट्रिक से चूक गए।
बोलैंड की हैट्रिक और वेस्टइंडीज़ की शर्मनाक हालत
स्कॉट बोलैंड ने जस्टिन ग्रीव्स, शमर जोसेफ और जोमेल वॉर्रिकन को लगातार गेंदों पर आउट कर टेस्ट करियर की पहली हैट्रिक पूरी की। यह किसी ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ की 10वीं टेस्ट हैट्रिक है।
वेस्टइंडीज़ की पहली छह विकेट सिर्फ 11 रन पर गिर गई थीं, और सात बल्लेबाज़ तो खाता भी नहीं खोल सके। सबसे ज्यादा 11 रन जस्टिन ग्रीव्स ने बनाए।
मैच महज ढाई दिन में खत्म
ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 225 रन बनाए, जबकि वेस्टइंडीज़ ने जवाब में 143 रन ही बनाए।
दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया 121 रन पर ऑलआउट हुआ, जिसमें अल्ज़ारी जोसेफ ने 5 विकेट लिए। जीत के लिए वेस्टइंडीज़ को 204 रन का लक्ष्य मिला, लेकिन पूरी टीम सिर्फ 14.3 ओवर में 27 रन पर ढेर हो गई।
स्टार्क बोले: हमें भी यकीन नहीं था कि मैच इतनी जल्दी खत्म होगा
मैच के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बने स्टार्क ने कहा, "यह शानदार सीरीज़ रही, लेकिन इतनी जल्दी मैच खत्म होगा — यह हमने भी नहीं सोचा था। दूधिया रोशनी में गुलाबी गेंद से बल्लेबाज़ी आसान नहीं थी।"