Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

आस्था और सरोकारों के शब्द

पुस्तक समीक्षा
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

कमलेश भट्ट

प्रभा पारीक द्वारा लिखित पुस्तक ‘अयोध्या कह रही’ भारतीय इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर का एक समृद्ध दस्तावेज है। यह पुस्तक श्रीराम जन्मभूमि मंदिर, अयोध्या धाम में श्रीरामलला की पुनः प्राणप्रतिष्ठा और इस ऐतिहासिक कार्य के लिए 500 वर्षों के संघर्ष का सिलसिलेवार और प्रामाणिक वर्णन करती है।

Advertisement

पुस्तक में राम जन्मभूमि के इतिहास, अयोध्या के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व और भव्य राम मंदिर के निर्माण की यात्रा को विस्तार से बताया गया है। इसमें माननीय सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक निर्णय, मंदिर निर्माण की योजनाओं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मंदिर ट्रस्टियों की निष्ठा का उल्लेख है।

पुस्तक का एक मुख्य आकर्षण रामलला की मूर्ति, उनकी वेशभूषा, और उनकी शोभा बढ़ाने के लिए तैयार आभूषणों का विवरण है। लेखिका ने शास्त्रों के अनुसार आयोजित मुख्य प्राणप्रतिष्ठा कार्यक्रम और देश-विदेश के भक्तों की उत्साहपूर्ण भागीदारी को बड़े ही रोचक और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया है।

पुस्तक की भाषा सरल, प्रवाहमय और सजीव है, जो पाठकों को अयोध्या धाम की धार्मिकता और भव्यता में डुबो देती है। लेखिका ने ऐतिहासिक और धार्मिक तथ्यों को विश्वसनीय स्रोतों से जुटाकर उन्हें रोचक तरीके से प्रस्तुत किया है।

‘अयोध्या कह रही’ सिर्फ एक पुस्तक नहीं, बल्कि राम जन्मभूमि आंदोलन की विस्तृत गाथा है। यह पुस्तक न केवल श्रद्धालुओं के लिए संग्रहणीय है, बल्कि नई पीढ़ी को मंदिर संघर्ष की गाथा से अवगत कराती है। पुस्तक आस्था के साथ अयोध्या के सांस्कृतिक, सामाजिक परिदृश्य का भी चित्र उकेरती है।

पुस्तक : अयोध्या कह रही लेखिका : प्रभा पारीक प्रकाशक : साहित्यागार, धामाणी मार्केट की गली, जयपुर पृष्ठ : 240 मूल्य : रु. 400.

Advertisement
×