लाल चन्द गुप्त ‘मंगल’
डॉ. रविन्द्र गासो द्वारा रचित गुरु नानक देव जी पर चार मानक ग्रन्थों का प्रकाशन हिन्दी साहित्य के इतिहास में चिर-प्रतीक्षित मांग को पूरा करता है। गुरु नानक देव जी का उनकी वाणी के आधार पर समग्र-वस्तुनिष्ठ व्याख्या-विश्लेषण अब तक हिन्दी में अपर्याप्त ही रहा। डॉ. गासो के सद्य-प्रकाशित ग्रन्थ; 1. गुरु नानक वाणी : विविध आयाम 2. गुरु नानक देव जी : व्यक्तित्व और विचारधारा 3. गुरु नानक कृत ‘जपुजी साहिब’: एक अध्ययन 4. गुरु नानक कृत ‘आसा दी वार’: एक अध्ययन, गुरु जी की वाणी और उनके जीवन को सही परिप्रेक्ष्य में सटीक ढंग से प्रस्तुत करने में पूर्णतः सफल हुए हैं।
भारतीय अध्यात्म-चिन्तन, धर्म-साधना, भक्ति आन्दोलन, समाज-सुधार में गुरु नानक देव जी का प्रमुख स्थान है। आप पृथ्वीमंडल में अकेले ऐसे धर्मगुरु हैं, जिन्हें उनके विशिष्ट-व्यक्तित्व एवं कृतित्व के कारण, दुनिया-भर के विभिन्न धर्मों/सम्प्रदायों में अत्यधिक सम्मान और गहरी श्रद्धा से याद किया जाता है। सभी जानते हैं कि ‘महान दार्शनिक सन्त और रूहानियत के शिखर-पुरुष श्री गुरु नानक देव जी ने लगभग साढ़े पांच सदी तक अपने समकालीन समाज, साहित्य व कला-संस्कृति पर जो गहरा असर छोड़ा, वही असर आज भी कायम है। गुरु जी अपने आस-पास की सामाजिक रूढ़ियों व आर्थिक असमानताओं के खिलाफ़ विश्व-भर में अलख जगाते फिरे (प्रस्तावना से)।
गुरु नानक देव जी पर बहुत से ग्रन्थ लिखे गए हैं लेकिन डॉ. रविन्द्र गासो की स्पष्टोक्ति है कि हिन्दी में पायी जाने वाली गुरु नानक-विषयक सामग्री ‘बहुत ही अपर्याप्त व अपूर्ण’ है क्योंकि ‘समग्र दृष्टि से नानक-वाणी की सम्पूर्ण वस्तुनिष्ठ व्याख्या हिन्दी में नहीं है।’ डॉ. गासो ने इस चुनौती को सहर्ष स्वीकार किया और गुरु नानक देव जी की जीवनी को उनकी वैचारिक यात्रा से मिलान करते हुए, वस्तुनिष्ठ रूप में हिन्दी-जगत के समक्ष प्रस्तुत किया है।
डॉ. रविन्द्र गासो की मान्यता है कि गुरु नानक-वाणी का सम्यक्-सन्तुलित अध्ययन करने के लिए ‘जपुजी साहिब’ और ‘आसा दी वार’ को समझना बुनियादी काम है। निस्सन्देह, गुरु नानक देव जी की इन दोनों प्रामाणिक रचनाओं की आत्मा में प्रवेश किये बिना नानक सम्बन्धी कोई भी अध्ययन अधूरा और निष्कर्ष आधारहीन ही होगा। डॉ. गासो इन दोनों कृतियों की सर्वोत्तम व्याख्या करते हैं।
डॉ. गासो ऐसा इसलिए कर पाये हैं कि आप बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। हिन्दी और पंजाबी साहित्य के आप उत्कट अनुरागी हैं। मानक शोध-प्रविधि पर आधारित इन चारों ग्रन्थों द्वारा गासो ने सचमुच, नानक-वाणी के साथ-साथ, किसी भी साहित्य के सुविचारित अध्ययन-मनन के लिए वर्तमान और भावी पीढ़ियों के लिए एक अभिनव-मौलिक, तटस्थ-स्पष्ट, सार्थक-सटीक मूल्यांकन दृष्टि का मार्ग प्रशस्त किया है। इन चारों ग्रन्थों के प्रकाशन की गुणवत्ता भी इनकी विषय वस्तु की तरह बहुत ही सुरुचिपूर्ण है।
पुस्तकें : गुरु नानक वाणी : विविध आयाम, गुरु नानक देव जी : व्यक्तित्व और विचारधारा, गुरु नानक कृत जपुजी साहिब : एक अध्ययन, गुरु नानक कृत आसा दी वार : एक अध्ययन लेखक : डॉ. रविन्द्र गासो प्रकाशक : अनुज्ञा बुक्स, दिल्ली पृष्ठ : क्रमश: 158, 190, 103, 128 मूल्य : क्रमशः रु. 195, 250, 195, 195.