अपने पहले एक कविता संग्रह दिव्य निधि में बृजबाला गुप्ता ने अपने अंतर्मन के अहसासों को शब्दों में अभिव्यक्त किया है। जिसमें सामाजिक विद्रूपताओं के विरुद्ध तल्ख प्रतिक्रिया है तो सुकोमल मानवीय अहसासों को संबल देने का प्रयास किया गया है। वहीं नश्वर जीवन के यथार्थ का भी बोध कराया है। मानवीय रिश्तों की गरिमा रचनाओं में मुखरित होती है। कुल मिलाकर रचनाओं में जीवन के विविध रंग हैं। आशावाद कविताओं का मूल स्वर है।
पुस्तक : दिव्य निधि रचनाकार : बृजबाला गुप्ता प्रकाशक : विपिन पब्लिकेशन, रोहतक पृष्ठ : 115 मूल्य : रु. 300.
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