स्त्री मन के भावों की कथा
‘एक कविता तुम्हारे लिए’ केवल एक कविता संग्रह नहीं है, बल्कि मानवीय संवेदनाओं और भावनाओं का सजीव चित्रण है। इन कविताओं में स्त्री मन में उमड़-घुमड़ रहे भावों और व्यथा का सैलाब है, जो उसे हमेशा बेचैन करता है। यह बेचैनी कविताओं के माध्यम से हमारे समक्ष प्रस्तुत की गई है। कुल 85 कविताओं की कवयित्री डॉ. रमन ‘रिद्धि’ का यह पहला काव्य संग्रह है, लेकिन रचनात्मकता और भाषा शैली का जो संगम है, उसे देखकर लगता है कि हिंदी कविता का भविष्य बेहद उज्ज्वल है।
इन कविताओं में संस्कृतनिष्ठ हिंदी शब्द कविता माला में मोतियों की तरह पिरोये गए हैं। इसके अलावा, आम जनजीवन में रम गए अंग्रेजी के शब्दों का भी कम, लेकिन बेहद सुंदर तरीके से प्रयोग किया गया है। कविताओं में काव्यात्मक उपमा और रूपक कम हैं, लेकिन संवेदनाओं की गहराई है। गूढ़ अर्थ कविताओं को बेहद खास बना देता है। लिखे गए शब्दों को समझने और उनसे निकले अर्थ से ये कविताएं पाठकों के दिल में बरबस अपनी जगह बना लेती हैं।
पहली ही कविता ‘दिसंबर’ को पढ़कर हमारी सोच के बंद दरवाजे खुल जाते हैं। इस कविता की पंक्तियां ‘मैं बंद थी अपने ही तहखाने में’ दिल को छू जाती हैं। ‘कभी सालती रही’ कविता में जिंदगी के फलसफे का अहसास कराया गया है। ‘एक कविता तुम्हारे लिए’ कविता संग्रह में विरह और प्रेम का संगम साफ नजर आता है। ‘पहली मुलाकात’ कविता में नारी मन की व्यथा का चित्रण है, जिसमें प्रेमी से मुलाकात से पहले मन में चल रहे विचारों का प्रवाह है। ‘रिश्ते’ कविता में आजकल की दुनिया में रिश्तों की सच्चाई को बयां किया गया है; पहले रिश्ते निभाए जाते थे, अब रिश्ते सिर्फ नाम और काम के रह गए हैं।
पुस्तक : एक कविता तुम्हारे लिए कवयित्री : डॉ. रमन 'रिद्धि' प्रकाशक : नोशन प्रेस, प्लेटफार्म पृष्ठ : 104 मूल्य : रु. 190.
