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अक्षर-ज्ञान से संस्कारों की यात्रा

पुस्तक समीक्षा
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कवि डॉ. घमंडीलाल अग्रवाल ने ‘कविताओं में हिन्दी वर्णमाला’ पुस्तक में सुंदर व रोचक ढंग से हिन्दी वर्णमाला को समझाने का प्रयास किया है। यह संपूर्ण सामग्री बच्चों के लिए रोचक और शिक्षाप्रद है, जिसमें नैतिक शिक्षा, सामान्य ज्ञान और भाषा-अक्षर परिचय का सुंदर मेल है। प्रार्थना बच्चों में ईश्वर-भक्ति, माता-पिता की सेवा, दया, प्रेम और मधुर वाणी जैसे संस्कार भरने का कार्य करती है। यह भाग बच्चों को जीवन के मूल्यों से परिचित कराता है।

डॉ. घमंडीलाल ने वर्णमाला के प्रत्येक अक्षर को एक आसान, लयबद्ध और रोचक कविता के माध्यम से समझाया है। हर अक्षर के साथ संबंधित शब्द, उसका परिचय, गुण और महत्व बताए गए हैं, जिससे बच्चे न केवल अक्षर पहचानते हैं बल्कि उससे जुड़े वस्तु, जीव-जन्तु के बारे में भी जानकारी पाते हैं। साथ में ‘अन्य शब्द’ जोड़ना शब्द-भंडार बढ़ाने में सहायक है। लेखन में सरल, स्पष्ट और तुकांत शैली अपनाई गई है, जिससे बच्चों के लिए इसे याद रखना आसान हो जाता है। अंतिम ‘सीखो और गाओ’ वाला हिस्सा गिनती और लय दोनों सिखाता है, जिससे गणितीय समझ भी विकसित होती है।

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संपूर्ण सामग्री में शिक्षा के साथ मनोरंजन का संतुलन है, जो प्राथमिक स्तर के बच्चों के लिए आदर्श है। यह पाठ न केवल भाषा सीखने का माध्यम है, बल्कि इसमें नैतिकता, पर्यावरण प्रेम, सामाजिक सरोकार और सांस्कृतिक मूल्यों का भी समावेश है, जिससे बच्चों का सर्वांगीण विकास संभव है। कुल मिलाकर, यह पुस्तक हिन्दी भाषा सीखने वाले नन्हे-मुन्ने पाठकों के लिए अत्यंत उपयोगी, मनोरंजक और ज्ञानवर्धक है।

पुस्तक : कविताओं में हिन्दी वर्णमाला कवि : डॉ. घमंडीलाल अग्रवाल प्रकाशक : सूर्य भारती प्रकाशन, नयी दिल्ली पृष्ठ : 56 मूल्य : रु. 160.

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