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पानी की कहानी में जीवन सार

पुस्तक समीक्षा
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डॉ. तेजिंद्र

‘पानी तेरी अजब कहानी’ लघुकविताकार डॉ. घमंडीलाल अग्रवाल का पांचवां लघुकविता-संग्रह है। इस लघुकविता-संग्रह में बारह खंडों में विभाजित 108 लघुकविताएं हैं। इन लघुकविताओं में हमें पानी का परिचय मिलता है। पानी के स्रोत, पानी के प्रकार, पानी के गुण और उपयोग, जल-प्रदूषण, दूषित जल-जनित रोग तथा पानी के प्रति जागरूकता- इन सभी विषयों पर लघुकविताएं लिखी गई हैं। पानी से जुड़े मुहावरों को लेकर भी लघुकविताएं कहीं गई हैं।

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यह लघुकविता-संग्रह पानी के प्रति जागरूकता का प्रयास करता है। एक लघुकविता में स्वयं पानी मानव को समझदार बनने की सीख देते हुए कहता है :-

‘चीख-चीखकर

पानी कर रहा पुकार,

नासमझी के पहाड़े को

करो दरकिनार,

समझदारी की

याद करो गिनतियां,

कुदरत करे हाथ जोड़,

तुमसे विनतियां,

जल-संकट न आने दो,

दुनिया को मुसकाने दो।’

इस लघुकविता-संग्रह की रचनाएं विधा के तय मानकों जैसे- मुक्तछंदता, दस पंक्तियां, कल्पना, भावना तथा सकारात्मकता की परख पर खरी उतरती हैं। लघुकविताओं में काव्यत्व एवं लयात्मकता है। प्रश्नवाचक, आत्मकथात्मक तथा संवाद शैली में लिखी ये लघुकविताएं हिंदी, उर्दू, अंग्रेज़ी शब्दावली-युक्त, अलंकारों, बिम्बों, प्रतीकों और समासों से सुसज्जित हैं। इन लघुकविताओं में लघुकविताकार तथ्यात्मक जानकारी के साथ बच्चों को पढ़ाता हुआ प्रतीत होता है।

‘पानी तेरी अजब कहानी’ लघुकविता-संग्रह की लघुकविताएं बच्चों के लिए लिखी गई बाल लघुकविताओं का अहसास कराती हैं।

पुस्तक : पानी तेरी अजब कहानी कवि : डाॅ. घमंडीलाल अग्रवाल प्रकाशक : आनन्द कला मंच भिवानी, हरियाणा पृष्ठ : 128 मूल्य : रु. 200.

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