Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

शायरी और जीवन की कसौटी

पुस्तक समीक्षा

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

‘नया नगर’ उर्दू लेखक तसनीफ़ हैदर द्वारा लिखा गया उपन्यास है, जिसका हिन्दी अनुवाद अजय नेगी ने किया है। तसनीफ़ हैदर ने उर्दू में एम.ए. करने के बाद उर्दू साहित्य सृजन में योगदान देना शुरू किया और हिन्दी साहित्य को उर्दू में अनुवाद के माध्यम से लोगों तक पहुंचाने का कार्य किया।

उपन्यास उर्दू के एक उस्ताद शायर मजीद साहब और उनके परिवार के इर्द-गिर्द घूमता है। मजीद साहब अपने पूरे जीवन में आर्थिक समस्याओं से जूझते रहते हैं। शुरू में वे उर्दू में शायरी सिखाने के लिए घर से ही नये शायरों को शिक्षा देते हैं। बाद में एक सज्जन के कहने पर अपनी देख-रेख में एक लाइब्रेरी का संचालन करते हैं। वे पूरी ज़िंदगी अपना घर नहीं बना पाते और किराए के घर में रहते हैं। मजीद साहब का बड़ा बेटा नजीब अपने पिता के पद-चिन्हों पर चलते हुए उनका शागिर्द बनकर शायरी करने लगता है, जबकि छोटा बेटा छोटी नौकरी करता है और उसी से घर का खर्च चलता है।

Advertisement

लेखक ने ‘नया नगर’ के माध्यम से शायरों की दुनिया के रहन-सहन, साहित्यिक महफिलों, उनके रिश्तों, और उनकी निंदा-चुगली के बारे में बहुत बारीकी से चित्रण किया है। उर्दू समाज के लोगों के जीवन-शैली, व्यवहार, सोच और संस्कृति को भी नज़दीकी से उकेरा गया है। उपन्यास में हालांकि कई अलग-अलग कहानियां नहीं हैं, फिर भी लेखक ने अपने तजुर्बों को बहुत दिलचस्प और सजीव ढंग से प्रस्तुत किया है। पात्रों के किरदार बख़ूबी उभरकर सामने आए हैं। गुजरात दंगों का उल्लेख लेखक ने एक शे’र के माध्यम से बयान करने का प्रयास किया है।

Advertisement

अजय नेगी ने इस अनुवाद को पूरी मेहनत और ईमानदारी से किया है। यदि आप उर्दू भाषा के लहजे का आनंद लेना चाहते हैं और नई, बारीक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो यह उपन्यास पढ़ने योग्य है।

पुस्तक : नया नगर लेखक : तसनीफ़ हैदर अनुवाद : अजय नेगी प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली पृष्ठ : 159 मूल्य : रु. 250.

Advertisement
×