केवल तिवारी
इतिहास के अनेक ऐसे किरदार रहे हैं जिनका जिक्र हम बार-बार करते हैं। खासतौर पर स्वाधीनता संग्राम से जुड़े लोगों की। यह भी सत्य है कि ऐतिहासिक लोगों के बारे में रायशुमारी भी अलग-अलग है। लेकिन एक सत्य सर्वमान्य स्वीकार्य है कि भारत विभाजन बहुत बड़ा दुर्भाग्य था। उससे भी बड़ा खौफनाक था वह मंजर जब हजारों बेगुनाहों का कत्ल कर दिया गया। यह भी सच है कि उसमें पाकिस्तान के जनक माने जाने वाले जिन्ना की इसमें बड़ी भूमिका थी।
जिन्ना कैसे जिन्ना बने, इस बारे में प्रो. किशोरीलाल व्यास नीलकंठ की एक किताब आई है, ‘जीणा भाई उर्फ मोहम्मद अली जिन्हा।’ एक उपन्यास शैली में लिखी इस किताब में जिन्ना के जीवन के कई अनछुए पहलुओं को उजागर करने की कोशिश लेखक ने की है। साथ ही तत्कालीन राजनेताओं के बारे में भी उपन्यास में लिखा गया है। लेखक ने दावा किया है कि पूरे विषय को शोध के बाद उजागर किया गया है।
कुल 13 भागों में बंटी इस किताब में मोहम्मद अली जिन्ना के जन्म से लेकर मृत्यु तक के कई किस्सों को दिया गया है। साथ ही तत्कालीन घटनाओं का कहानी शैली में वर्णन किया गया है। बेशक भाषा सरल है, लेकिन अनेक जगह अनेक अन्य तत्कालीन नेताओं के संदर्भ में बहुत तीखी शब्दावली का इस्तेमाल किया गया है जो संभवत: विवाद का कारण बन सकता है। कई मुद्दे ऐसे हैं जिन पर बहस हो सकती है।
पुस्तक : जीणा भाई उर्फ मोहम्मद अली जिन्हा लेखक : प्रो. किशोरीलाल व्यास नीलकंठ प्रकाशक : साहित्यागार, जयपुर पृष्ठ : 127 मूल्य : रु. 225.