मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

एक विचारधारा का कथा रूपांतरण

पुस्तक समीक्षा
Advertisement

हर्षदेव

पुस्तक ‘ज्योति कलश’ प्रथम दृष्टि में किसी धार्मिक या आध्यात्मिक ग्रंथ का आभास कराता है। हालांकि, मुखपृष्ठ पर जोतिबा फुले की तस्वीर इस भ्रम को शीघ्र ही दूर कर देती है। वर्तमान में ‘फुले’ फ़िल्म भी चर्चा में है, इसलिए पुस्तक का शीर्षक और प्रकाशन-काल एक व्यावसायिक रणनीति का हिस्सा भी हो सकता है।

Advertisement

खैर, यह एक उपन्यास है जो जोतिबा फुले के जीवन, व्यक्तित्व और कृतित्व पर आधारित है। महात्मा फुले एक ऐतिहासिक व्यक्तित्व हैं और इतिहास तथ्यों पर आधारित होता है, जबकि उपन्यास एक काल्पनिक विधा है। तथ्यों को कल्पना के साथ संयोजित करना अत्यंत श्रमसाध्य कार्य है और इसके लिए कुशल लेखक की आवश्यकता होती है। उन्होंने इस कार्य को अत्यंत दक्षता से संपन्न किया है।

लेखक संजीव ने उपन्यास की शुरुआत जोतिबा फुले के पिता के विद्रोह से करते हैं और इसे जोतिबा फुले के प्रभावी हस्तक्षेप तक ले जाते हैं। इस दौरान उन्होंने उस समय के सामाजिक चरित्र, सरोकारों और संघर्षों को सफलतापूर्वक चित्रित किया है। महात्मा फुले, सावित्रीबाई, गोविंद राव, सगुणाबाई और अन्य पात्रों को घटनाओं के परिप्रेक्ष्य में संवादों के माध्यम से जीवन्त रूप दिया गया है। संवादों की सरल भाषा इसे जनसामान्य के लिए सहजगम्य बनाती है। पुस्तक के अंत में सम्मिलित चित्रों और दस्तावेजों का संकलन इसे और अधिक प्रामाणिक बनाता है।

हालांकि, कुछेक स्थानों पर लेखक का नैरेशन भाषण की शैली में बदल जाता है और ब्राह्मणवाद के विरोध में ब्राह्मणवादी शिल्प या प्रतीकों के प्रयोग से असहजता होती है।

पुस्तक : ज्योति कलश लेखक : संजीव प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली पृष्ठ : 130 मूल्य : रु. 250.

Advertisement
Show comments