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रचनाशीलता का गुणा-भाग

पुस्तकें मिलीं
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समीक्ष्य पुस्तक में रचनाकार दिलीप कुमार पाण्डेय ने रचनात्मक दृष्टि से नया प्रयोग किया है। उन्होंने 37 चुनिंदा पुस्तकों का चयन करके उनकी समीक्षाएं रचनाशीलता का गणित शीर्षक से प्रकाशित की हैं। पुस्तक में साहित्य की विभिन्न विधाओं, मसलन—कहानी, कविता, लघुकथा, उपन्यास, खंड काव्य, ग़ज़ल संग्रह आदि की पुस्तकों की समीक्षाएं शामिल हैं। इसमें वे प्रो. मोहन सपरा और अतुल कुमार शर्मा का भी योगदान स्वीकारते हैं। पुस्तक में समकालीन 33 रचनाकारों की पुस्तकों की समीक्षा की गई है।

पुस्तक : रचनाशीलता का गणित सृजनकार : दिलीप कुमार पाण्डेय प्रकाशक : आस्था प्रकाशन, जालंधर पृष्ठ : 191 मूल्य : रु. 325.

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बदलाव की स्त्री चेतना

मधुकांत सामाजिक सरोकारों से जुड़े सृजन में पारंगत हैं। गाहे-बगाहे जनचेतना और सामाजिक बदलावों से जुड़े अभियानों पर केंद्रित उनकी छोटी-छोटी पुस्तकें प्रकाशित होती रहती हैं। समीक्ष्य पुस्तक महिला ग्राम पंचायत राष्ट्रीय पुस्तक न्यास से प्रकाशित उनकी नई कृति है। ग्राम पंचायतों में महिलाओं की प्रभावी भूमिका और उनके सामने उपस्थित चुनौतियों को नाटक के माध्यम से दर्शाने का प्रयास किया गया है। पुस्तक में फजरुद्दीन का प्रभावी चित्रांकन इसकी अभिव्यक्ति को प्रभावी बना देता है। यह कृति ग्राम उत्थान में नारी शक्ति की भूमिका को दर्शाती है।

पुस्तक : महिला ग्राम पंचायत सृजनकार : मधुकांत प्रकाशक : राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, नयी दिल्ली पृष्ठ : 32 मूल्य : रु. 40.

खनके मन के मनके

यूं तो डॉ. उमा गर्ग पेशे से प्रतिष्ठित चिकित्सक हैं, लेकिन सामाजिक राग-अनुराग और व्याधियों पर भी उनकी पैनी नज़र रहती है। उनका काव्य संग्रह- काव्य कृतिक तथा खुशबू मेरे वतन की, यादें तेरी (साझा काव्य संग्रह) प्रकाशित हो चुके हैं। अब उनका नवीनतम काव्य संग्रह ‘मन के मनके’ पाठकों के हाथ में है, जिसमें 54 कविताएं संकलित हैं। उनकी कविताओं के विषय हमारे समाज, रिश्तों, विसंगतियों व विद्रूपताओं पर केंद्रित हैं। उनकी सरल-सहज अभिव्यक्ति संकलन में शामिल रचनाओं को पठनीय बनाती है।

पुस्तक : मन के मनके सृजनकार : डॉ. उमा गर्ग प्रकाशक : सप्तऋषि पब्लिकेशन, चंडीगढ़ पृष्ठ : 107 मूल्य : रु. 200.

सनातन दर्शन और जीवन

सनातन धर्म सभा, अंबाला के सहयोग से प्रेम चन्द् अग्रवाल द्वारा लिखी गई लघु पुस्तक ‘हिंदू धर्म : दर्शन एवं जीवन’ में सनातन धर्म और संस्कृति के वैचारिक और आध्यात्मिक सिद्धांतों से नई पीढ़ी को अवगत कराने का प्रयास किया गया है। लेखक के अनुसार, इस पुस्तक का उद्देश्य एक आम हिंदू को धर्म के बारे में मूलभूत जानकारी प्रदान करना है। यह जानकारी सैद्धांतिक व व्यावहारिक पक्ष के रूप में दी गई है। जिसमें वेद, उपनिषद्, धर्मसूत्र, षड्-दर्शन, स्मृतियों, पुराणों, अवतारों व धार्मिक स्थलों की जानकारी दी गई है।

पुस्तक : हिन्दू धर्म : दर्शन एवं जीवन सृजनकार : प्रेम चन्द अग्रवाल प्रकाशक : प्रेम चन्द अग्रवाल, अंबाला पृष्ठ : 45 मूल्य : अमूल्य

सृजन की सतरंगी छटा

कशमीरी लाल चावला ने जापानी सृजन विधाओं—हाइकु, तांका, सेदोका, हाईबन, चौका व कतौता आदि में व्यापक सृजन कार्य को प्रोत्साहित किया है। कतौता भी जापान की बहुचर्चित प्राचीन काव्य शैली है, जिसे अब हिंदी काव्य साहित्य ने अंगीकार किया है। दरअसल, कतौता (5-7-7 वर्णक्रम) एक त्रिपदी जापानी काव्य रूप है, जिसमें कुल 19 अक्षर होते हैं। हिंदी साहित्य में कतौता की दस्तक नई है। रचनाकार कशमीरी लाल चावला ने जापानी सृजन विधाओं से हिंदी पाठकों को अवगत कराने का एक सार्थक प्रयास किया है।

पुस्तक : नए रंगों के साथ सृजनकार : कशमीरी लाल चावला प्रकाशक : तर्क भारती प्रकाशन, बरनाला, पंजाब पृष्ठ : 96 मूल्य : रु. 250.

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