अहसासों की सघन अभिव्यक्ति
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अरुण नैथानी
तीन साझा संग्रह ‘हौसलों के शब्द’, ‘गीत वतन के गाएंगे’ व ‘गाओ हिन्दी गान’ में रचनाओं के प्रकाशन के बाद सुमन लता का कविता संग्रह ‘तुम बिन सूना मधुमास’ प्रकाशित हुआ है। इस संकलन की रचनाएं समाज में घटित अच्छी-बुरी घटनाओं से जन्मी हैं, वहीं कुदरत के अनुपम सौंदर्य की छवियां भी कविताओं में उभरी हैं। कुछ रचनाओं में आत्मीय अहसासों की अभिव्यक्ति भी हुई है। विसंगतियों पर भी तीखे प्रहार हैं।
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पुस्तक : तुम बिन सूना मधुमास रचनाकार : सुमन लता प्रकाशक : सुकीर्ति प्रकाशन, कैथल पृष्ठ : 120 मूल्य : रु. 250.
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