मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

साधारण जीवन की असाधारण कहानियां

पुस्तक समीक्षा
Advertisement

सरस्वती रमेश

दुनिया में शायद अस्सी फ़ीसदी से ज़्यादा लोग सामान्य जीवन जीते हैं। वे एक नियमबद्ध दिनचर्या में बंधे होते हैं। उनके जीवन में आमतौर पर कोई रोमांच नहीं होता, कोई चमत्कार नहीं। लेकिन कुछ लेखक इस साधारण दिनचर्या में भी कुछ खास खोज निकालने की विलक्षण प्रतिभा रखते हैं। उनकी दृष्टि वहां तक पहुंच जाती है, जहां तक हम कल्पना भी नहीं कर सकते। ऐसी ही प्रतिभा के दर्शन वरिष्ठ लेखक हरि भटनागर के कहानी संग्रह ‘आपत्ति’ की कहानियों में होते हैं।

Advertisement

‘आपत्ति’ कहानी संग्रह को पढ़कर यह पता चलता है कि सोना, जागना, उठना-बैठना, सामान की खरीदारी, पिंजरे में कैद तोता, दरवाजे पर लटका ताला और आंगन-द्वार पर मंडराते जानवरों और पक्षियों के इर्द-गिर्द भी कहानी बुनी जा सकती है— और ऐसी कहानी, जिसे पढ़कर पाठक ‘वाह’ कहे या तड़पकर ‘आह’ कह उठे।

शीर्षक कहानी ‘आपत्ति’ एक सुअरिया के क्रियाकलापों पर आधारित है। खास बात यह है कि लेखक ने बड़ी बारीकी से सुअरिया की भावनाओं जैसे उसका ऐतराज, इनकार, कृतज्ञता, भय, प्रसन्नता आदि को शब्दों में सजीव रूप से अभिव्यक्त किया है।

‘मोहम्मद’ किराना दुकान से सामान खरीदते एक सज्जन की कथा है। यह कहानी गाने की दो पंक्तियों को आधार बनाकर लिखी गई है। दो पंक्तियां भी कहानी में ट्विस्ट ला सकती हैं और किसी की विचारधारा को उजागर कर सकती हैं। इस कहानी में दो पंक्तियों की ताकत को प्रभावी ढंग से समझाया गया है।

‘तोता बाई की कहानी’ और ‘उफ़’ जानवरों के प्रति प्रेम पर आधारित मार्मिक कहानियां हैं।

लेखक यहां कहानियों को कुछ इस तरह साधते हैं जैसे आसमान में उड़ता कोई परिंदा अपने पंख साधता हो— जिसे भली-भांति पता होता है कि कब पंखों को लहराना है और कब उन्हें ढीला छोड़कर हवा की गति के साथ बहना है। लेखक ने इन कहानियों में कथानक, पात्र, संवाद और भाषा सबके साथ भरपूर न्याय किया है। कहीं-कहीं आर.के. नारायण की कहानियों की याद भी हो आती है।

पुस्तक : आपत्ति लेखक : हरि भटनागर प्रकाशक : राजपाल एंड संज़ पृष्ठ : 142 मूल्य : रु. 265.

Advertisement
Show comments