जब भी कुण्डलिया छन्द का जिक्र होता है तो गिरधर की कुण्डलियाें का स्मरण आ जाता है। हालांकि, पिछले वर्षों में इस जटिल छंद विधा में कुछ पठनीय पुस्तकें पाठकों तक पहुंची हैं। इसी तरह हाल ही में रचनाकार बाबूलाल तोन्दवाल का कुण्डलिया संग्रह ‘आजिज के जज्बात’ प्रकाशित हुआ है। उन्होंने इस विधा के कथ्य-शिल्प के जरिये अपनी रचनाओं में मानवीय संवेदनाओं को शब्द दिये हैं। रचनाकार ने सरल-सहज भाषा के जरिये समय की विसंगतियों व विद्रूपताओं पर कलम चलाई है। समाज के अंतिम व्यक्ति के दर्द को उकेरा है। कोरोना संकट का दर्द भी उकेरा है और नशे के नश्तर को भी विषय बनाया है। रचनाओं के केंद्र में अन्नदाता का दर्द है तो कहीं ऐतिहासिक घटनाओं को विषय बनाया है।
पुस्तक : आजिज के जज्बात रचनाकार : बाबूलाल तोन्दवाल प्रकाशक : निष्ठा प्रकाशन, गाजियाबाद पृष्ठ : 96 मूल्य : रु. 150.