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प्रकृति, संस्कृति और साहित्य का संगम

पुस्तक समीक्षा
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डॉ. अश्वनी शांडिल्य

किसी यात्रा-वृत्तांत को पढ़ते हुए जब पाठक स्वयं यह महसूस करने लगे कि वह भी अपनी कल्पनाओं के पंखों पर सवार होकर लेखक के साथ यात्रा पर निकल पड़ा है, तब उस यात्रा-वृत्तांत की सफलता और सार्थकता सिद्ध हो जाती है। लेखक द्वय अनीता शर्मा ‘स्नेही’ एवं डॉ. प्रदीप शर्मा ‘स्नेही’ द्वारा रचित यात्रा-वृत्तांत ‘केरल से कश्मीर तक’ पाठकों को ऐसी ही रोचक, रोमांचक और जिज्ञासापरक अनुभूति प्रदान करता है।

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इस कृति में भारत के पंद्रह स्थानों की यात्रा के अंतर्गत उनके आसपास के विविध स्थलों का भी सुंदर चित्रण देखने को मिलता है। दोनों रचनाकारों ने मुन्नार, कन्याकुमारी, कोडाइकनाल, चिकमगलूर, वायनाड, नंदी हिल्स, लेपाक्षी, हैदराबाद, गोवा, पुड्डुचेरी, सूरजकुंड, आदिबद्री, मोरनी हिल्स, हथिनीकुंड, बड़ोग, शिमला, कसौली तथा कश्मीर की यात्रा का जो वर्णन और चित्रण प्रस्तुत किया है, वह पाठकों को अभिभूत कर देता है।

इसमें इन स्थलों की प्राकृतिक सुषमा, मौसम, जलवायु, संस्कृति, धार्मिक स्थलों और मान्यताओं, भौगोलिक स्थिति, व्यंजन, खान-पान, रहन-सहन, लोगों के स्वभाव और व्यवहार, सामाजिक व्यवस्था, ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक धरोहर, पशु और वनस्पति संपदा, पक्षी-विविधता तथा वास्तुकला आदि का न केवल विविधमुखी और रोचक एवं ज्ञानवर्धक ढंग से चित्रण किया गया है।

पाइन फॉरेस्ट, कोडाई लेक, हेबे जलप्रपात, बांदीपुर नेशनल पार्क, इडक्कल गुफाएं, कर्नाटक शब्द की उत्पत्ति, पुड्डुचेरी में फ्रांसीसी प्रभाव, हरियाणा के दर्शनीय स्थल तथा कश्मीर के गुलमर्ग, श्रीनगर की डल लेक, हाउसबोट, शंकराचार्य मंदिर, पहलगाम, अवंतीपुर मंदिर के भग्नावशेष, लिद्दर नदी एवं बेताब वैली आदि की सुंदरता को प्रभावशाली और उपमा-संपन्न साहित्यिक भाषा में इस प्रकार प्रस्तुत किया गया है कि पाठकों के मनोलोक में दृश्यों की शृंखला-सी चलने लगती है।

यायावरी की ललक जगाने वाली यह पुस्तक पर्यटन के क्षेत्र में भी बहुमूल्य योगदान देने की क्षमता रखती है।

पुस्तक : केरल से कश्मीर तक (यात्रा-वृत्तांत) लेखक : अनीता शर्मा ‘स्नेही’ डॉ. प्रदीप शर्मा ‘स्नेही’ प्रकाशक : बोधि प्रकाशन, जयपुर पृष्ठ : 175 मूल्य : रु. 249.

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