यमुना उफान पर, गांव टोंकी में बाढ़ से खतरा
हथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए पानी और पहाड़ों समेत मैदानी इलाकों में लगातार हो रही बारिश के कारण यमुना अभी भी उफान पर है। मंगलवार की तुलना में जलस्तर में मामूली कमी आने से कुछ राहत भी मिली है। इससे पहले यमुना किनारे बसे कई गांवों में पानी घुस चुका है और लोगों को सुरक्षित स्थलों पर शिफ्ट किया जा रहा है। जिला प्रशासन ने अलर्ट मोड पर रहते हुए व्यापक बचाव और राहत कार्य शुरू कर दिए हैं।
वहीं, टोंकी गांव के हालात अभी भी गंभीर बने हुए हैं। गांव के कई मकानों में पानी घुस चुका है जिससे कभी भी हादसा हो सकता है। बावजूद इसके ग्रामीण अब भी अपने घरों में रहने को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने मांग की कि उनके लिए स्थायी कैंप बनाए जाएं।
डीसी सुशील सारवान ने बुधवार को अधिकारियों के साथ यमुना किनारे बसे संवेदनशील गांवों का दौरा कर हालात का जायजा लिया। उन्होंने असदपुर नांदनौर के पास स्थित पुरानी गढ़ी में ग्रामीणों से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना और उन्हें खाद्य सामग्री वितरित की। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वे समय रहते प्रशासन द्वारा बनाए गए सेफ होम्स में शिफ्ट हो जाएं, जहां भोजन, दवाइयां और प्राथमिक उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
डीसी ने लघु सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक कर बाढ़ नियंत्रण व्यवस्थाओं की समीक्षा की। उन्होंने जलभराव वाले इलाकों में पंप सेट और ड्रेनेज की सफाई सहित जरूरी इंतजाम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
जलमग्न घरों में ही रह रहे ग्रामीण
टोंकी के ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारी कई बार दौरा कर अलर्ट जारी कर चुके हैं और ग्रामीणों को मकान खाली कर सुरक्षित स्थानों पर जाने को भी कहा गया है। मगर समस्या यह है कि ग्रामीणों के पास न तो कोई स्थायी ठिकाना है और न ही भोजन की उचित व्यवस्था। समाज सेवी दीपक चौहान (अटेरना) ने बताया कि मजबूरीवश लोग पानी से भरे मकानों में ही रह रहे हैं और दिन-रात जान का खतरा झेल रहे हैं। दीपक चौहान ने कहा कि प्रशासन को तुरंत स्थायी कैंप की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि प्रभावित परिवारों को सुरक्षित ठिकाना और भोजन मिल सके।