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गांव डाटा के बबलू के इलाज के लिए आगे आयी यारी इंडिया

नारनौंद , 11 जून (निस) गांव डाटा निवासी बबलू की दोनों किडनियां फेल हो चुकी हैं। बबलू जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है। अनेक सामाजिक लोग और संगठन आगे आकर उसका इलाज करवाने की पहल शुरू कर चुके...
नारनौंद के गांव डाटा में जरूरतमंद परिवार को सहायता राशि भेंट करते यारी इंडिया के चेयरमैन रणबीर लोहान। -निस
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नारनौंद , 11 जून (निस)

गांव डाटा निवासी बबलू की दोनों किडनियां फेल हो चुकी हैं। बबलू जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है। अनेक सामाजिक लोग और संगठन आगे आकर उसका इलाज करवाने की पहल शुरू कर चुके हैं। इसी कड़ी में यारी इंडिया के चेयरमैन रणवीर लोहान ने उनको एक लाख रुपये और विदेश में इलाज के दौरान हवाई यात्रा का खर्च वहन करने की घोषणा की।

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पीड़ित बीमार बबलू के पिता ने बबलू के इलाज के अपनी छह एकड़ जमीन भी बेच दी लेकिन इलाज सफल नहीं हुआ। अब फिर बेटे के इलाज के लिए एक करोड़ रुपए की जरूरत है तो अनेक सामाजिक लोग और नेता वहां पहुंचकर गरीब परिवार की मदद कर रहे हैं।

प्रमुख समाजसेवी रणबीर लोहान ने गांव डाटा में बबलू के घर पहुंचकर अपनी तरफ से एक लाख रुपए देने की घोषणा की। साथ ही कहा कि यदि बबलू इलाज के लिए विदेश जाएगा तो उसकी फ्लाइट का आने जाने का खर्च देंगे। यारी इंटरनेशनल से मिलकर यारी इंडिया लगातार 18 सालों से अपने देश वासियों की सेवा कर रही हैं।

वहीं, यारी इंटरनेशनल संस्था के चेयरमैन डॉक्टर जसबीर सिंह लोहान ने और रणबीर लोहान ने 8,10 दिन में बच्चों की डेड बॉडी इंडिया भेजने का काम किया। यारी इंडिया ने इंडिया में 375 परिवारों की मदद की जो बच्चे बिल्कुल ज्यादा बीमार थे जिसकी घर की हालात भी काफी खराब थी ये परिवार हरियाणा, पंजाब, राजस्थान हिमाचल के परिवार थे।

डोंकी रूट से अमेरिका गये बच्चों का करवाया इलाज

रणवीर लोहान ने बताया कि यारी इंटरनेशनल अमेरिका और यारी इंडिया संस्था द्वारा अमेरिका में डोंकी के द्वारा गए कुछ बच्चे रास्ते में बीमार हो गए थे और कुछ बच्चे अमेरिका पहुंचने के बाद बीमार हो गए थे। 27 बच्चों के परिवारों ने या उनके संबंधिकयों ने उनसे संपर्क किया। भारतीय होने के नाते उन बच्चों का इलाज करवाया। इन पर प्रति बच्चा 4 से 7 लाख रुपए महीने का खर्च आया। कुछ बच्चों की तो हालात इतनी खराब थी कि उन्हें अमेरिका में अपने घर पर 4 से 6 महीने रखा।

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