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कृषि विवि में मनाया विश्व मधुमक्खी दिवस

हिसार, 20 मई (हप्र) चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय में विश्व मधुमक्खी दिवस पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कीट विज्ञान विभाग द्वारा ‘प्रकृति से प्रेरित मधुमक्खियां हम सभी का पोषण करती हैं’...
हिसार में कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज कार्यक्रम को संबोधित करते हुए। -हप्र
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हिसार, 20 मई (हप्र)

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय में विश्व मधुमक्खी दिवस पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कीट विज्ञान विभाग द्वारा ‘प्रकृति से प्रेरित मधुमक्खियां हम सभी का पोषण करती हैं’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे।

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प्रो. बी.आर. काम्बोज ने अपने संबोधन में कहा कि प्रत्येक वर्ष 20 मई को विश्व मधुमक्खी दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य मधुमक्खियां और अन्य परागण करने वाले जीवों के महत्व को समझाना और उनके संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि मधुमक्खियां केवल शहद देने वाली कीट नहीं है बल्कि हमारे जीवन, पर्यावरण तथा भोजन श्रृंखला की महत्वपूर्ण कड़ी है। विश्व की लगभग 75 प्रतिशत खाद्य फसलें परागण पर निर्भर हैं, और इस कार्य को मुख्य रूप से मधुमक्खियां करती हैं। मधुमक्खी पालन से शहद के अतिरिक्त भी अन्य पदार्थ जैसे मोम, प्रोपोलिस पराग, रायल जैली इत्यादि मिलते है, जिससे किसान अधिक लाभ कमा सकता है। मधुमक्खी पालन ग्रामीण समुदाय के लिए कम लागत वाला व्यवसाय है तथा ग्रामीण विकास के साथ-साथ वानिकी, बागवानी, कृषि, पर्यावरण संरक्षण जैसे सभी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कुलपति ने कहा कि मधुमक्खियों के संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। मधुमक्खियां फसलों एवं सब्जियों की पैदावार बढ़ाने के साथ-साथ पोषण सुरक्षा में भी अह्म भूमिका निभाती हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा मधुमक्खी पालन को लेकर अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं। कुलपति ने कार्यक्रम में स्कूली विद्यार्थियों को शहद वितरित किया। अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग ने बताया कि मधुक्ख्यिां पूरा दिन व्यस्त रहती हैं। इनके जीवन से हमें सीख लेनी चाहिए। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में मधुमक्खियां अनेक खतरों का सामना कर रही हैं जिसमें कीटनाशकों का अत्यधिक प्रयोग, जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आवास की हानि तथा बीमारियां शामिल हैं।

कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एसके पाहुजा ने सभी का स्वागत किया। कीट विज्ञान विभाग की अध्यक्ष डॉ. सुनीता यादव ने सभी का धन्यवाद करते हुए मधुमक्खी पालन की उपयोगिता एवं मधुमक्खी दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला।

मंच का संचालन डॉ. भूपेन्द्र सिंह ने किया। इस अवसर पर मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. राजेश गेरा सहित सभी महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, निदेशक, अधिकारी, विभागाध्यक्ष, वैज्ञानिक, गैर शिक्षक कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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