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मजदूरों में आक्रोश, 4 को करेंगे प्रदर्शन

मजदूरों को काम देने की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा को अब मजदूर नेता अर्थहीन बताने लगे हैं। बीते माह हरियाणा में मनरेगा कार्यों की निगरानी के लिए केंद्र से आए एक निगरानी दल ने अब जो निर्णय अधिकारियों को भेजा है...
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मजदूरों को काम देने की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा को अब मजदूर नेता अर्थहीन बताने लगे हैं। बीते माह हरियाणा में मनरेगा कार्यों की निगरानी के लिए केंद्र से आए एक निगरानी दल ने अब जो निर्णय अधिकारियों को भेजा है उसमें मनरेगा के तहत कई तरह के कराए जा रहे कामों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसे नाराज मजदूर सफीदों में 4 सितंबर को प्रदर्शन करेंगे।  केंद्रीय निगरानी दल के निष्कर्ष के हवाले से जींद के जिला ग्रामीण विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने जिला जींद में सभी संबंधित अधिकारियों को पत्र जारी किया है जिसमें कहा गया है कि 18 से 20 जून तक हिसार कमिश्नरी में मनरेगा कामों की पड़ताल के लिए आए केंद्र के निगरानी दल के अधिकारी विस्तृत प्रारम्भिक रिपोर्ट के साथ इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि मनरेगा मजदूरों को नाजायज तौर पर दिए जा रहे कुछ काम बंद कर दिए जाएं। पत्र में कहा गया है कि नहरों के अंदर से सिल्ट की सफाई व सर्विस मार्गों से झाड़फूस की सफाई तथा लेवलिंग करने के कामों की मनरेगा के तहत इजाजत नहीं है। बृहस्पतिवार को सीटू के जिला सचिव राधेश्याम ने बताया कि मजदूरों को पहले ही काम उपलब्ध नहीं है और काम न मिलने से रोटी की समस्या से जूझ रहे हैं। इसके विरोध में मजदूर 4 सितंबर को सफीदों में विरोध प्रदर्शन करके प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति के नाम स्थानीय प्रशासन के माध्यम से ज्ञापन भेजेंगे।

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