बढ़ती ऋणग्रस्तता पर भड़की महिलाएं, डीसी ऑफिस के बाहर उग्र प्रदर्शन
इस मौके पर समिति की नेताओं ने बताया कि अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति द्वारा देशभर में किए गए सर्वे में यह तथ्य सामने आया है कि गांव और शहरों में गरीब महिलाओं पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ रहा है। प्राइवेट फाइनेंसरों द्वारा लोन की किस्तों के लिए महिलाओं को प्रताड़ित करने और अत्यधिक ब्याज वसूलने के कई मामले सामने आए हैं।
इसी कारण संगठन ने देशव्यापी अभियान चलाने और आंदोलन को तेज करने का निर्णय लिया है। महिलाओं ने सरकार से मांग की कि लोन के ब्याज की अधिकतम सीमा तय करने के साथ-साथ एनबीएफसी-एमएफआई और निजी साहूकारों पर भी सख्त कानून बनाए जाएं।
परिवार की आय के दोगुने से अधिक कर्ज को बट्टे खाते में डाला जाए और आत्महत्या व संपत्ति नुकसान वाले मामलों में पीड़ित परिवारों को अनुग्रह राशि व पुनर्वास दिया जाए। इस अवसर पर अनुराधा, रेणु शर्मा, गंगा देवी, मूर्ति, मीनाक्षी, राजबाला सहित कई महिलाएं मौजूद रहीं।
