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मानसून की बारिश से खेतों में जलभराव, 80 हजार एकड़ फसल को नुकसान

हिसार में पिछले माह हुई मानसून की भारी बारिश से खेतों में हुए जल भराव के कारण जिले की 80 हजार एकड़ से भी ज्यादा धान, कपास, बाजरा, मूंग व ग्वार की फसल को नुकसान हुआ है। कृषि विभाग द्वारा...
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हिसार में पिछले माह हुई मानसून की भारी बारिश से खेतों में हुए जल भराव के कारण जिले की 80 हजार एकड़ से भी ज्यादा धान, कपास, बाजरा, मूंग व ग्वार की फसल को नुकसान हुआ है। कृषि विभाग द्वारा करवाए गए सर्वे में सबसे ज्यादा नुकसान कपास की फसल को हुआ है। कृषि उप निदेशक कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार हिसार में 39 हजार, 743 एकड़ जमीन पर कपास की फसल और 24 हजार, 200 एकड़ जमीन पर धान की फसल में 25 से 50 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है। इसी प्रकार चार हजार, 290 एकड़ मूंग, छह हजार, 452 एकड़ बाजरा, 730 एकड़ मूंगफली, 1930 एकड़ चारा और दो हजार, 845 एकड़ में ग्वार की फसल को नुकसान हुआ है। हालांकि इसकी अंतिम रिपोर्ट पर अभी सर्वे चल रहा है। कृषि विभाग के सर्वे के अनुसार हांसी और बास क्षेत्र में कपास, मूंगफली, बाजरा आदि फसलों को 75 से 100 प्रतिशत तक भी नुकसान हुआ है जबकि दूसरे क्षेत्रों में 26 से 50 प्रतिशत तक का नुकसान हुआ है। हालांकि अपनी रिपोर्ट में कृषि विभाग ने नुकसान के चार वर्ग बनाए हैं जिनमें 0 से 25 प्रतिशत नुकसान, 26 से 50 प्रतिशत नुकसान, 51 से 75 प्रतिशत नुकसान और 76 से 100 प्रतिशत नुकसान शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार जिले के नारनौंद, बरवाला व उकलाना ब्लॉक में धान व कपास की फसल को कोई नुकसान नहीं हुआ है। इसी प्रकार आदमपुर व अग्रोहा ब्लॉक में धान की फसल को नुकसान नहीं हुआ है।

80 हजार एकड़ फसल को हुआ नुकसान

कृषि उप निदेशक राजबीर सिंह ने बताया कि सर्व रिपोर्ट के अनुसार बरसात से जिले में 80 हजार एकड़ की फसल प्रभावित हुई है और यह रिपोर्ट मुख्यालय भेज दी है। कपास की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है क्योंकि बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान इसी फसल को होता है। हालांकि इस बारे में फाइनल रिपोर्ट भी तैयार की जा रही है।

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