जलभराव ने बढ़ाई किसानों की चिंता; फसलें खराब, प्रशासन भी नहीं ले रहा सुध
लोगों का आरोप.. प्रशासन सिर्फ कागजों में कर रहा काम
पिछले दिनों से हो रही बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। जलभराव के बाद पानी का निकास नहीं होने से कपास, बाजरा और मोटे अनाज की फसलें पूरी तरह खराब हो गई है। किसानों का कहना है कि प्रशासन या बीमा कंपनी का कोई भी अधिकारी उनकी सुध लेने नहीं आया है। जबकि फसल के बीमे की किस्त समय पर बीमा कंपनी को मुहैया करवा दी जाती है।
उनको अभी तक पिछली फसल का मुआवजा भी नहीं मिला है। किसानों ने आरोप लगाया कि प्रशासन सिर्फ कागजों में काम करता है धरातल पर क्या हो रहा है इससे प्रशासन को कोई लेना देना नहीं है। बता दें कि पानी के निकास के लिए संबंधित विभाग द्वारा मोटरें भी लगाई हैं। बावजूद इसके कहीं बिजली कनेक्शन नहीं तो कहीं बिना कनेक्शन के जहरीला पानी नहरों में छोड़ा जा रहा है।
किसान विरेंद्र व राजबीर सिंह ने बताया कि बिजली विभाग ने बिना मीटर के कनेक्शन दिया हुआ है। इसका स्थाई समाधान बोरवेल करवाकर किया जाता है। कीटनाशक पानी पीने से बीमार जनता होगी। सरकार को तो प्योर फिल्टर पानी मिलता है तो वो इस और क्यों ध्यान देंगे।
किसानों ने कहा कि हमें पता है इस पानी के पीने से कैंसर, लकवा और डेंगू जैसी खतरनाक बीमारियां होती है। लेकिन वो पानी नहर में नहीं डालेंगे तो उनके घर भी पानी में डूब जाएंगे। वहीं बिजली निगम के एसडीओ राकेश कुमार ने कहा कि इरिगेशन विभाग के कहने पर उनको कनेक्शन दिया गया है। जल्दी ही मीटर लगा दिए जाएंगे।