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पानी ने छीना गरीबों का आशियाना

भारी बारिश, ड्रेन टूटने के कारण जिले के आसपास के गांवों व खेतों से शहर के निचले इलाकों में पानी पहुंच गया है। प्राकृतिक आपदा की सबसे ज्यादा मार गरीब, मजदूर, झोपड़पट्टी वाले लोगों पर पड़ रही है। मदद संस्था...
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भारी बारिश, ड्रेन टूटने के कारण जिले के आसपास के गांवों व खेतों से शहर के निचले इलाकों में पानी पहुंच गया है। प्राकृतिक आपदा की सबसे ज्यादा मार गरीब, मजदूर, झोपड़पट्टी वाले लोगों पर पड़ रही है। मदद संस्था के अध्यक्ष संजीव भोजराज ने कहा कि सरकार एवं प्रशासन के इतंजाम पुख्ता नहीं है, इसके चलते लोगों को परेशानी हो रही है। इसलिए आम जनमानस, सामाजिक संस्थाओं को भी आगे आकर जरूरतमंदों की सहायता के लिए आगे आना चाहिए। संजीव भोजराज ने बताया कि सेक्टर-16, 17 साउथ बाईपास पर 80 झुग्गियों में रहने वाले गरीब लोगों का आसियाना पानी भरने के कारण छूट गया है और वे मजबूरन अब हाईवे के साथ में रहने को मजबूर हैं। यहां पर कैंप लगाकर वे किसी तरह गुजर-बसर कर रहे हैं। संजीव भोजराज ने प्रशासन से मांग की कि यहां पर किसी तरह की दुर्घटना न घटे इसके लिए यहां बैरिकेट लगाने चाहिए, जिससे भारी वाहनों की गति धीमी हो सके। इसके अलावा इन लोगों के आश्रय का प्रबंध भी प्रशासन को करना चाहिए। किसी धर्मशाला, कम्युनिटी सैंटरों में इनको आश्रय दिया जाए। करीब 400-500 के लोग यहां खुले आसमान के नीचे और हाईवे के साथ रह रहे हैं।

अभी तक सरकार एवं प्रशासन की ओर तक इस लोगों को कोई मदद नहीं पहुंचाई गई है। उन्होंने मांग की है कि सरकार जल्द से जल्द राहत प्रदान करे और बेसहारा लोगों की मदद करे।

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