आबादी क्षेत्रों में पानी निकासी कार्यों में तेजी लाई जाए : उपायुक्त
नागरिकों और मवेशियों को बीमारियों से बचाने के लिए उचित कदम उठाए जाएं
उपायुक्त साहिल गुप्ता ने सिंचाई विभाग, जन स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग एवं पंचायत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे आपसी तालमेल के साथ बारिश के पानी की निकासी करवाएं। ग्राम पंचायतों की सहायता से जलभराव से प्रभावित नागरिकों की मदद करें और उनके पंचायत प्रतिनिधियों के संपर्क में रहें।
उपायुक्त सोमवार को लघु सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में जिला में बारिश के पानी की निकासी के कार्य की संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान अधिकारियों ने कस्बा बवानीखेड़ा के साथ-साथ सैय, रिवाड़ी, खरक, कलिंगा, गुजरानी, मिताथल, घुसकानी, चांग, धनाना, बडेसरा, तालू, जताई, मुंढाल, बड़सी, पुर, सिवाड़ा, कुंगड़, भैणी, खेड़ी दौलतपुर, मंढाणा, जाटू लोहारी, प्रेम नगर, बापोड़ा, तिगड़ाना, दांग खुर्द व कलां, सागवान, बीरण, ढाणी बीरण, सुई, बलियाली व रामूपुरा आदि जलभराव से प्रभावित गांवों में पानी की फिलहाल स्थिति के बारे में डीसी को अवगत करवाया।
उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गांव सागवन, कस्बा बवानीखेड़ा और धनाना सहित जलभराव से प्रभावित आबादी क्षेत्रों में राहत कार्यों में तेजी लाई जाए। लोगों को सुरक्षित स्थान पर रहने के लिए जागरूक किया जाए। जरूरतमंद लोगों को ग्राम पंचायतों की मदद से खाद्य सामग्री आदि की मदद की जाए।
समीक्षा बैठक के दौरान सिंचाई व पंचायत विभाग के अधिकारियों ने उपायुक्त को बताया कि कुछ आबादी क्षेत्रों को जलभराव से बचाने के लिए नालों की खुदाई करवानी जरूरी है। इसके लिए डीसी ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त करने के आदेश दिए। बैठक के दौरान एसडीएम महेश कुमार ने कस्बा बवानीखेड़ा में जलभराव की स्थिति के बारे में डीसी को विस्तार से जानकारी दी।