ग्रामीण नारकीय जीवन जीने को मजबूर, सरकार नहीं ले रही सुध
पिछले दिनों हुई भारी बरसात व सेम के पानी से गांव नहला के खेत व सभी मार्ग भरे पड़े हैं। अब तक किसी भी प्रशासनिक अधिकारी या प्रतिनिधि ने किसानों की सुध नहीं ली है। शासन-प्रशासन की बेरुखी के चलते नहला के किसानों में काफी निराशा है। यह बात इनेलो महिला प्रदेश प्रभारी सुनैना चौटाला ने जिले के भूना क्षेत्र के गांव नहला में जलभराव से हुए नुकसान का जायजा लेने के बाद कही।
सुनैना चौटाला बुधवार को ट्रैक्टर पर सवार होकर गांव में पहुंची और गांव में जलभराव की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने जलभराव से पानी में डूबे खेतों में जाकर पीड़ित किसानों से भी मुलाकात की और सरकार द्वारा इन किसानों की कोई सुध न लेने पर कड़ी नाराजगी भी जताई। किसानों की समस्याएं जानने के बाद सुनैना चौटाला ने जिला अधिकारियों से भी बातचीत की।
सुनैना चौटाला ने कहा कि नहला के दौरे के दौरान उन्होंने पाया कि गांव में हर किसान का खेत पानी में डूबा हुआ है। उनकी जीरी की फसल पूरी तरह खत्म हो गई है। ग्रामीणों ने तिनका-तिनका जोड़कर अपने जो आशियाने बनाये थे, भारी बरसात के कारण वह भी पूरी तरह टूट चुके हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने यहां के किसानों को उनके रहमो-करम पर छोड़ दिया है।
गांव के सरपंच और युवाओं ने अपने स्तर पर राहत कार्य किए हैं, लेकिन प्रशासनिक तौर पर उन्हें कोई सहयोग नहीं मिला है। सुनैना चौटाला ने कहा कि ग्रामीणों ने बताया कि जलभराव के कारण बिजलीघर और वाटर वर्क्स दोनों बंद हो जाते हैं, जिस कारण ग्रामीणों को बिजली व पेयजल नहीं मिलता है।
सुनैना चौटाला ने कहा कि चारों ओर जलभराव से घिरे ग्रामीण नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की कि सरकार बरसात से खराब हुई फसलों का मुआवजा जल्द किसानों को जारी करे। खेतो में बनी जिन ढाणियों और मकानों को नुकसान पहुंचा है, उन पीड़ितों को आर्थिक सहायता दी जाए ताकि वह अपने मकानों की मरम्मत करवा सकें।
उन्होंने कहा कि जलभराव वाले गांवों में बीमारियां फैलने का डर बना हुआ है, ऐसे में इन गांवों में मेडिकल कैम्प लगाए जाएं और बिजली-पानी की सुचारु व्यवस्था बहाल की जाए। इस अवसर पर उनके साथ इनेलो नेता अंगद ढिंगसरा भी मौजूद रहे।