जलभराव को लेकर ग्रामीणों का फूटा गुस्सा
नारनौंद, 15 जून (निस)
गांव बास में जलनिकासी की समस्या से त्रस्त ग्रामीणों का गुस्सा रविवार को फूट पड़ा। चार वर्षों से जलभराव झेल रहे ग्रामीणों ने जींद-भिवानी राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगा दिया, जिससे दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। जाम में फंसे राज्यसभा सदस्य रामचंद्र जांगड़ा को ग्रामीणों ने घेर लिया और अपनी समस्याएं सुनाईं।
सांसद जांगड़ा ने मौके से डिप्टी कमिश्नर को फोन करने की कोशिश की, लेकिन संपर्क नहीं हो सका। इसके बाद वे स्वयं ग्रामीणों के साथ पैदल गांव की गलियों में पहुंचे। गलियों में भरे गंदे पानी और बदबूदार माहौल को देखकर वे चौंक गए। उन्होंने मौके पर ही कहा कि यहां रहना तो नरक में रहने जैसा है।
ग्रामीणों ने कहा कि वे डीसी से लेकर मुख्यमंत्री तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन समाधान नहीं हुआ। गंदे पानी के कारण पीएचसी की मुख्य गली से निकलना मुश्किल है, और बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। थाना प्रभारी मंदीप सिंह ने मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाया और बीडीपीओ को बुलवाकर त्वरित समाधान का आश्वासन दिया। इसके बाद ग्रामीण शांत हुए और जाम हटाया, लेकिन चेताया कि यदि तीन दिन में स्थायी समाधान नहीं मिला, तो वे फिर सड़क पर उतरेंगे। ग्रामीणों ने मांग की कि बाबा बाका मंदिर से जलघर होते हुए खरबला रोड तक नाला बनाया जाए, ताकि गांव का पानी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की ओर निकाला जा सके। वहां सरकार द्वारा खरीदी गई पांच एकड़ भूमि में से एक एकड़ पर खुदाई कर 12 इंच की फ्लड ड्रेन को जोड़ा जाए। राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने कहा कि गांव बास में जलभराव की समस्या गंभीर है। गलियों में भरे गंदे पानी को देखकर महसूस हुआ कि यहां रहना किसी नरक से कम नहीं।