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ग्रामीणों ने बुलाई पंचायत, मृतकों के परिवारों को 50-50 लाख देने की मांग

सोनीपत, 23 जून (हप्र) तिहाड़ खुर्द गांव में देसी शराब पीने से दो ग्रामीणों की संदिग्ध मौत के मामले में ग्रामीण लामबंद हो गए हैं। गांव में आसपास के 4 गांवों की पंचायत बुलाई गई जिसमें सरंपच, जिला परिषद सदस्य...
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सोनीपत, 23 जून (हप्र)

तिहाड़ खुर्द गांव में देसी शराब पीने से दो ग्रामीणों की संदिग्ध मौत के मामले में ग्रामीण लामबंद हो गए हैं। गांव में आसपास के 4 गांवों की पंचायत बुलाई गई जिसमें सरंपच, जिला परिषद सदस्य और ग्रामीण शामिल हुए। ग्रामीणों का आरोप है कि शराब मिलावटी और जहरीली थी जिसकी वजह से ये मौतें हुईं। पंचायत में जमकर नारेबाजी की गई।

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सोमवार को तिहाड़ खुर्द गांव में जुटे तिहाड़ कलां, खेड़ी दहिया और बाघडू गांव के सरपंचों और ग्रामीणों एक स्वर में मृतकों के परिजनों के लिए 50-50 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की है। साथ ही चेतावनी दी गई कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो गांव वाले आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे। इस दौरान सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की गई।

पंचायत में तिहाड़ कलां के सरपंच पवन, बाघडू के प्रवीण, तिहाड़ खुर्द के सरपंच प्रतिनिधि सुमेर सिंह दहिया और खेड़ी दहिया के सरपंच ने कहा कि गांवों में शराब के ठेकों के खिलाफ पूर्व में भी कई बार शिकायत दी गई, लेकिन ठेके हटाने की बजाय प्रशासन ने उन्हें गांव के ही दूसरे कोनों में शिफ्ट कर दिया और यह कहा कि नया ठेका दूसरे गांव की सीमा में आता है। वहीं जिला परिषद वाइस चेयरपर्सन कल्पना बाघडू ने भी ठेके हटवाने की मांग की है। पंचायत में सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया कि चारों गांवों में एक भी शराब का ठेका नहीं रहने दिया जाएगा। यदि प्रशासन ठेके नहीं हटाता, तो इसके विरोध में आंदोलन किया जाएगा।

बता दें कि तिहाड़ मलिक के रहने वाले ओमप्रकाश (69) और सितेंद्र (42) शनिवार को घर से गए थे। शाम को करीब 4 बजे ग्रामीण पशुओं को लेकर तालाब की ओर गए तो दोनों अचेत पड़े दिखे। ग्रामीणों ने परिजनों को मामले की जानकारी दी। परिजन अन्य ग्रामीणों के साथ मौके पर पहुंचे। दोनों के शरीर नीले पड़ चुके थे और उनकी मौत हो चुकी थी। उनके पास ही शराब की बोतल भी पड़ी थी। स्वजन ने आशंका जताई थी कि जहरीली शराब पीने से उनकी मौत हुई है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।

ठेका हटाने के बजाय 200 मीटर दूर कर दिया था शिफ्ट

तिहाड़ खुर्द के ग्रामीणों ने बताया कि गांव से शराब का ठेका हटवाने के लिए प्रस्ताव भेजा था। कुछ समय बाद ठेका 200 मीटर दूर शिफ्ट कर दिया गया और कहा गया कि वह दूसरे गांव की सीमा में आता है।

इसी तरह बाघडू गांव के सरपंच ने भी गांवों से ठेका हटाने की मांग की थी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।

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