केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने गन्नौर में ‘राष्ट्रमंदिर कामयाब संस्थान’ का किया शिलान्यास
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गुप्तिसागर महाराज की प्रेरणा से स्थापित होने वाला यह संस्थान ऐसे प्रशासनिक अधिकारियों को तैयार करेगा, जिनके पास ज्ञान के साथ-साथ समाज के प्रति सेवा भाव भी होगा। यहां पढ़ने वाले युवाओं को संस्कार, देशभक्ति और नैतिक मूल्यों की शिक्षा दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि जब प्रशासनिक अधिकारी सेवा भाव से कार्य करेंगे, तभी भारत आत्मनिर्भर, सशक्त और विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ेगा। मनोहर लाल ने कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवाएं देश की एकता और अखंडता के लिए स्टील के ढांचे की तरह मजबूती से काम करती हैं।
प्रशासनिक अधिकारी शासन-प्रशासन की रीढ़ हैं, जो न केवल नीतियों को लागू करते हैं, बल्कि पारदर्शिता, जवाबदेही और विकासोन्मुख तंत्र को भी मजबूत बनाते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी परिस्थिति में अधिकारियों को पद-अहंकार के बजाय सेवा भाव को सर्वोपरि रखकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए। यही राष्ट्र की प्रगति और अखंडता की असली ताकत है।
छह मंजिला भवन में बनेंगे 75 कमरे
इस अवसर पर उपाध्याय गुप्तिसागर महाराज ने बताया कि ‘राष्ट्रमंदिर कामयाब संस्थान’ जरूरतमंद व मेधावी विद्यार्थियों को संस्कार आधारित स्तरीय शिक्षा, आवास और नि:शुल्क भोजन उपलब्ध कराएगा। संस्थान में विशेषज्ञों द्वारा भारतीय प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी कराई जाएगी। शुरुआती चरण में 6 मंजिला भवन का निर्माण होगा, जिसमें 75 कमरे बनाए जाएंगे।
इनमें से 52 कमरे विद्यार्थियों के लिए होंगे, जिनमें 104 प्रतिभागी निवास कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि निर्माण कार्य लगभग डेढ़ वर्ष में पूरा कर लिया जाएगा। महाराज ने कहा कि धन उसी का होता है, जो उसका सदुपयोग करता है। संस्थान निर्माण में सहयोग करने वाले सभी दानदाताओं का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने इसे राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित योगदान बताया।
समारोह में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली, केंद्रीय हिंदू परिषद संरक्षक दिनेश, ब्रह्मचारिणी रंजना शास्त्री, विधायक देवेंद्र कादियान, निखिल मदान, मेयर राजीव जैन, कविता जैन, देवेंद्र कौशिक, जिलाध्यक्ष अशोक भारद्वाज, निशांत छौक्कर सहित गुप्तिसागर ट्रस्ट के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।