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हकृवि छात्रों का अल्टीमेटम खत्म, आज 4 घंटे बंद रखेंगे विवि के चारों गेट

हिसार, 1 जुलाई (हप्र) कुलपति की उपस्थित में छात्रों के सिर पर लाठियों से जानलेवा हमला करने के विरोध में जारी हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के छात्रों के धरने के 22वें दिन मंगलवार को छात्रों ने फैसला लिया कि पूर्व निर्धारित...
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हिसार, 1 जुलाई (हप्र)

कुलपति की उपस्थित में छात्रों के सिर पर लाठियों से जानलेवा हमला करने के विरोध में जारी हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के छात्रों के धरने के 22वें दिन मंगलवार को छात्रों ने फैसला लिया कि पूर्व निर्धारित रणनीति के तहत 2 जुलाई, बुधवार को विवि के चारों गेट पर धरना देकर गेट बंद रखे जाएंगे। हालांकि छात्रों की कमेटी के साथ प्रशासन की बातचीत अभी जारी है। विद्यार्थियों ने कहा कि इमरजेंसी कार्यों के लिए गेट नंबर दो को खोला जाएगा और पैदल आने-जाने वालों के लिए भी रास्ता खुला रहेगा। उनका यह प्रदर्शन सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक रहेगा।

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छात्रों ने कहा कि उनकी आठ मांगें हैं और इन मांगों के बारे में छात्रों की गठित कमेटी ही निर्णय लेगी। विवि के अनुसंधान निदेशक द्वारा विभिन्न मामलों मेें कुलपति का बचाव करने पर उन्होंने कहा कि उनकी बातें बेबुनियाद है और कुलपति की मर्जी के बिना विवि में कुछ भी नहीं होता।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री कह रहे हैं कि छात्रों की सभी मांगें मान ली गई है तो फिर उनको लिखित में देने में देरी क्यों की जा रही है। हकृवि प्रशासन द्वारा सरकार से हुई बातचीत व समझौते के बारे में कोई जानकारी न मिलने के दावे पर उन्होंने कहा कि प्रशासन नींद में है क्योंकि समझौते के तुरंत बाद छात्र कल्याण निदेशक को हटाने के आदेश किस आधार पर जारी किए गए। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी बातचीत सरकार से ही होगी, विवि प्रशासन पर उनको विश्वास नहीं है। हॉस्टल बंद करने के आदेश 2 जून को ही जारी करने के प्रशासन के दावे पर उन्होंने कहा कि हर बार हॉस्टल में रुकने या ना रुकने के बारे में विद्यार्थियों से सहमति ली जाती है लेकिन इस बार नहीं ली गई। वहीं लाइब्रेरी को आज तक बंद नहीं किया गया तो इस बार क्यों बंद किया गया है।

गेट बंद करना आमजन के मौलिक अधिकारों का हनन’

विश्वविद्यालय प्रशासन ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि आंदोलनरत छात्रों द्वारा 2 जुलाई को गेट बंद करने के छात्रों के फैसले से विश्वविद्यालय में आने वाले किसानों, कर्मचारियों, आमजन व कैंपस में रहने वाले लोगों के मौलिक अधिकारों का भी हनन है।

मेडिकल दिल्ली एम्स से करवाने पर फैसला कल

हकृवि में छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के बाद छात्रों को लगी चोटों की दिल्ली स्थित एम्स के चिकित्सकों से मेडिकल करवाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर मंगलवार को पुलिस ने जवाब दिया कि यह मामला स्वास्थ्य विभाग से संबंधित है। वहीं पुलिस के जवाब के बाद दोनों पक्षों ने अपनी बहस पूरी कर ली और अदालत इस मामले में बृहस्पतिवार, 3 जुलाई को फैसला सुनाएगी। छात्रों की तरफ से अदालत में याचिका दायर करने वाले एडवोकेट विक्रम मित्तल ने बताया कि घायल छात्रों की तीन बार एमएलआर काटी गई और तीनों रिपोर्ट अलग-अलग हैं। पहली रिपोर्ट में एक से पौने दो इंच की चोटें दिखाई गई, जबकि तीसरी रिपोर्ट में छह इंच की चोटें बताई गई। वास्तविक घाव सात इंच का है। हिसार में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय उन्होंने बताया कि चोटें गंभीर प्रकृति की हैं और यह मामला हत्या के प्रयास में आता है। छात्र पक्ष का आरोप है कि डॉक्टरों पर दबाव बनाया गया और बाद में विभिन्न संगठनों व नेताओं के दबाव में दोबारा मेडिकल रिपोर्ट तैयार की गई। पुलिस ने अपने जवाब में अन्य भी कई खुलासे किए हैं जिनमें गिरफ्तार आरोपी सहायक प्राध्यापक राधेश्याम से प्लास्टिक का डंडा बरामद करने की बात भी शामिल हैं। इसके अलावा पुलिस ने कहा कि मेडिकल में दर्शाई गई चोटों के बारे में चिकित्सकीय सलाह मांगी तो चिकित्सकों ने चोटों को साधारण बताया है।

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