पाजू कलां गांव में ‘मौत का कुआं’ बने ‘थ्री पोंड’ योजना के दो तालाब
गांव पाजूकलां में ‘थ्री पोंड’ योजना के तहत बने दो तालाब ग्रामीणों के लिए ‘मौत का कुआं’ बने हुए हैं। सांसद ग्राम रहे इस गांव के कई लोगों ने बताया कि सरकार ने दो तालाबों की गहरी खुदाई करके इन्हें छोड़ दिया है। तीन वर्ष से इन पर कोई काम नहीं हो रहा है। बारिश में ये ओवरफ्लो होकर मानव समाज व पशुओं के लिए खतरा बने हैं। इस गांव में 10 एकड़ के इन तालाबों की पंचायतीराज विभाग ने पानी की निकासी के बाद खुदाई कराई।
ग्रामीणों ने कहा कि दो साल पहले भी बताया गया था कि 75 लाख का रिवाइज एस्टीमेट भेजा हुआ है। तारबंदी या सेफ्टी वाल न होने से ये तालाब खतरा बने हैं। ज्यादा बारिश हुई तो ये तालाब ओवरफ्लो होकर पानी गांव के गलियों में घुसने से पानी का लेवल इस कदर एक हो सकता है कि जानलेवा दुर्घटना का अंदेशा बनेगा।
सरपंच पवन कुमार ने बताया कि पिछले तीन साल से भी ज्यादा समय से इसका काम बंद है। उन्होंने बताया कि विभागीय अधिकारी इन पर फुटपाथ बनाने, बार बॉन्डिंग करने तथा स्ट्रीटलाइट की व्यवस्था करने को रिवाइज एस्टीमेट भेजने की बात करते आ रहे हैं।
‘सरकार को भेजा रिवाइज एस्टीमेट’
एक कनिष्ठ अभियंता ने रविवार को बताया कि इसकी बार बॉन्डिंग, स्ट्रीटलाइट, व एक साइड फुटपाथ निर्माण का रिवाइज एस्टीमेट बनाकर भेजा गया है। दो साल पहले एक विभागीय अधिकारी ने इस परियोजना बारे बताया था कि पंजाब में जालंधर जिला के गांव शिशेवाला के ‘ग्रेवाटर मॉडल’ अनुसार इस परियोजना पर काम होगा।