फर्जी शिकायतों और कथित ब्लैकमेलिंग के खिलाफ व्यापारियों का प्रदर्शन, उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन
इस मौके पर व्यापारियों ने जिला उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में व्यापारियों ने आरोप लगाया कि कुछ लोग नगर परिषद के अधिकारियों की मिलीभगत से निर्माणाधीन भवनों के खिलाफ झूठी शिकायतें कराते हैं। इसके माध्यम से भवनों को सील करवाकर डर का माहौल बनाया जाता है और फिर ब्लैकमेलिंग कर लाखों रुपये वसूले जाते हैं।
विरोध करने पर हाईकोर्ट में जनहित याचिकाएं दाखिल की जाती हैं और सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार फैलाया जाता है। व्यापारियों ने उमंग गर्ग प्रकरण का उदाहरण देते हुए बताया कि ट्रस्ट की जमीन पर शोरूम निर्माण के दौरान झूठी शिकायतें कर भवन सील करवाया गया, फिर भी सभी वैध दस्तावेज पेश करने पर सील हट गया। इसके बावजूद दोषियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर और सोशल मीडिया पर आरोप फैलाकर पीड़ित को ब्लैकमेल किया।
व्यापारियों की मुख्य मांगें
दोषियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाए, नगर परिषद अधिकारियों की भूमिका की जांच कर कार्रवाई हो, सोशल मीडिया पर फर्जी रिपोर्टिंग और बदनाम करने वालों के खिलाफ साइबर जांच कराई जाए, और शहर में व्यवसायिक गतिविधियों को भयमुक्त माहौल में संचालित करने की गारंटी दी जाए।
इस संबंध में जिला व्यापार मंडल अध्यक्ष वैद्य किशन वशिष्ठ ने कहा कि नारनौल में वर्षों से एक सुनियोजित गिरोह व्यापारियों को डराकर वसूली कर रहा है। अब इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जेल भेजने की मांग की। जिला उपायुक्त ने आश्वासन दिया कि मामले की गहराई से जांच की जाएगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।