नये अवसरों के लिए शैक्षणिक संबंधों को सुदृढ़ करने की जरूरत : दीप्ति धर्माणी
राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर भूगोल विभाग, चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय (सीबीएलयू), भिवानी द्वारा ‘भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी वर्तमान और भविष्य की संभावनाएं’ विषय पर एक विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया गया।
इस दौरान मुख्य व्याख्यान डॉ. सुल्तान सिंह, निदेशक, हरियाणा स्पेस एप्लीकेशन्स सेंटर (हार्सैक) द्वारा प्रस्तुत किया गया। डॉ. सिंह ने शासन, अनुसंधान, आपदा प्रबंधन, कृषि, जल संसाधन नियोजन तथा सतत विकास में रिमोट सेंसिंग, जीआईएस और भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियों की परिवर्तनकारी भूमिका पर प्रकाश डाला।
उन्होंने भविष्य की संभावनाओं पर भी चर्चा की, जिनमें एआई व एमएल का भू-स्थानिक आंकड़ों से एकीकरण, रियल-टाइम एनालिटिक्स और वन मैप प्लेटफॉर्म फॉर इंडिया जैसी पहल शामिल हैं, जो शासन और योजना के लिए एकीकृत समाधान प्रदान करेंगी। इस सत्र में भूगोल, भू-सूचना विज्ञान (जियो-इन्फॉर्मेटिक्स) और ड्रोन प्रौद्योगिकी विभागों के शिक्षकों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया। डॉ. सिंह ने बताया कि हार्सैक ने हरियाणा में 270 से अधिक परियोजनाएं पूर्ण की हैं, जिनमें कृषि, ग्रामीण विकास, भूजल मानचित्रण और जलवायु परिवर्तन अनुकूलन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र सम्मिलित हैं।
इस अवसर पर प्रो. दीप्ति धर्माणी, कुलगुरु, सीबीएलयू ने डॉ. सुल्तान सिंह से सीबीएलयू और हार्सैक के बीच संभावित सहयोग पर चर्चा की। प्रो. धर्माणी ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, ड्रोन अनुप्रयोगों और भू-स्थानिक विज्ञानों के क्षेत्र में शैक्षणिक संबंधों को सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और छात्र इंटर्नशिप के नए अवसर खुल सकें। दोनों संस्थानों ने क्षमता निर्माण, नवाचार तथा सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में विकसित भारत 2047 की परिकल्पना को साकार करने हेतु साझेदारी को आगे बढ़ाने में रुचि व्यक्त की।