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कुलपति ने किया प्रशासनिक शाखाओं का विलय, कुलसचिव को दरकिनार करने की चर्चा तेज

एमडीयू में वर्चस्व की जंग : आदेश के बाद विश्वविद्यालय में हलचल महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) में कुलपति प्रो. राजबीर सिंह और कुलसचिव के बीच चल रही तनातनी अब खुलकर सामने आ गई है। कुलपति ने एक बड़ा प्रशासनिक...

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एमडीयू में वर्चस्व की जंग : आदेश के बाद विश्वविद्यालय में हलचल

महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) में कुलपति प्रो. राजबीर सिंह और कुलसचिव के बीच चल रही तनातनी अब खुलकर सामने आ गई है। कुलपति ने एक बड़ा प्रशासनिक कदम उठाते हुए सामान्य प्रशासन शाखा और आवास (एस्टेट) कार्यालय के विलय का आदेश जारी किया है। इस आदेश के बाद विश्वविद्यालय के गलियारों में हलचल मच गई है।

नया आदेश तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देशों के साथ जारी किया गया है। सूत्रों के अनुसार, कुलसचिव कार्यालय में करीब 250 फाइलें लंबित हैं, जिनमें से कई पर कुलपति ने ‘प्लीज स्पीक’ लिखकर टिप्पणी की थी। इन्हीं फाइलों को लेकर दोनों के बीच मतभेद गहराने की बात कही जा रही है।

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इसी पृष्ठभूमि में कुलपति ने हाल ही में फार्मेसी विभाग के निदेशक प्रो. नरसिंहम बी. को कुलसचिव के अवकाश पर रहने की स्थिति में उनका अतिरिक्त प्रभार सौंपा था, ताकि प्रशासनिक कामकाज प्रभावित न हो। अब कुलपति के नए आदेश के अनुसार सामान्य प्रशासन शाखा और एस्टेट ऑफिस को मिलाकर एक संयुक्त कार्यालय बनाया गया है, जिसकी देखरेख सहायक कुलसचिव करेंगे।

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वे प्रोफेसर प्रभारी (सामान्य प्रशासन) की देखरेख में काम करेंगे, और कुलपति की स्वीकृति से जुड़े सभी मामले अब प्रोफेसर प्रभारी के माध्यम से कुलपति कार्यालय भेजे जाएंगे। विश्वविद्यालय में इस कदम को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं। कुछ इसे प्रशासनिक सुधार की दिशा में उठाया गया कदम मान रहे हैं, जबकि कई इसे कुलपति और कुलसचिव के बीच वर्चस्व की लड़ाई का नया अध्याय बता रहे हैं।

विश्वविद्यालय के कर्मचारियों और शिक्षकों के बीच यह चर्चा जोरों पर है कि यह आदेश केवल शाखाओं का विलय नहीं, बल्कि शक्ति संतुलन की नई परिभाषा लिखने की कोशिश है। जानकारों का मानना है कि कुलपति का यह निर्णय सिर्फ प्रशासनिक पुनर्गठन नहीं, बल्कि विश्वविद्यालय प्रशासन के ‘क्रिकेट पिच’ पर कुलपति द्वारा फेंकी गई एक गुगली है। अब देखना यह है की कुलसचिव अपना विकेट बचा पाते हैं या नहीं!

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