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पेट्रोल पंप संचालक को धमकी देकर रिश्वत लेने का तत्कालीन आरोपी सीआईए प्रभारी काबू, जेल

अवैध हिरासत में रख बनाया 15.5 लाख रुपये देने का दबाव
प्रतीकात्मक चित्र
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हिसार, 19 फरवरी (हप्र)

उकलाना के पेट्रोल पंप संचालक को अवैध हिरासत में लेकर आपराधिक मामले में आरोपी बनाने की धमकी देकर दो लाख रुपये रिश्वत लेने और 15़.50 लाख की मांग करने के 4 माह पुराने मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने सीआईए-2 के तत्कालीन प्रभारी इंस्पेक्टर कपिल सिहाग को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी को बुधवार को अदालत में पेश किया जहां से उसको न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

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इस बारे में एंटी नारकोटिक सेल ने उकलाना निवासी अमन की शिकायत पर 24 अक्टूबर, 2024 को इंस्पेक्टर कपिल सिहाग, सिपाही अजय कुमार, रिछपाल, रमेश ढाका व अन्य कर्मचारियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 व 7-ए के तहत मामला दर्ज किया था। पुलिस को दी शिकायत में अमन ने बताया था कि 10 अक्टूबर, 2024 को वह अपनी कार में बैठकर पेट्रोल पंप जा रहा था कि रास्ते में हिसार सीआईए-2 की टीम ने उसकी कार रुकवा ली और फिर उसको अपने वाहन में बैठाकर सीआईए थाने में ले गए। वहां पर उक्त आरोपियों ने कहा कि वे उसको राजा गुर्जर व विक्रम लाडवा के जमीनों पर कब्जा करने के केस में आरोपी बना देंगे और अवैध पिस्तौल रखने का मुकदमा भी दर्ज करवा देंगे और फिर सारी प्रॉपर्टी अटैच करवा देंगे। जब उसने कहा कि वह बेकसूर है तो उसके कपड़े उतारकर कुर्सी पर बांध दिया और धमकियां दी।

इसके बाद उसका चाचा रिछपाल व रमेश ढाका आए और उन्होंने सीआईए टीम से बात की तो उन्होंने 30 लाख रुपये की मांग की और फिर 17 लाख 50 हजार रुपये में बात तय हो गई। इसके बाद उसके कुछ कागजातों पर हस्ताक्षर करवाए और उसको एक सप्ताह में रुपये देने के लिए कहा। इसके बाद उसने अपने चाचा रिछपाल को दो लाख रुपये दे दिए जो सीआईए हिसार थाना में जाकर वह दे आया। बाद में रिछपाल व रमेश ढाका ने कहा कि पुलिस वाले 15 लाख, 50 हजार रुपये की मांग कर रहे हैं। इसके बाद वह उन सभी के लिए पांच लाख 80 हजार रुपये का इंतजाम करके लाया और एसीबी को शिकायत की। पुलिस ने पांच लाख 80 हजार रुपये लेते हुए पुलिस के बिचौलिये रिछपाल को गिरफ्तार कर लिया।

सिपाही की याचिका के बाद दबाव में आई पुलिस

इस मामले में आरोपी सिपाही अजय उर्फ प्रदीप की अग्रिम जमानत याचिका जिला न्यायालय से खारिज हो गई तो उसने हाईकोर्ट में अपील की। आरोपी के अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में कहा कि अजय को इस मामले में झूठा फंसाया जा रहा है जबकि मुख्य आरोपी इंस्पेक्टर कपिल है। पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर रही है। हाईकोर्ट ने जांच के तरीके पर नाराजगी जताते हुए एसीबी के एडीजीपी से मामले की स्टेट्स रिपार्ट मांगी। इस पर 27 फरवरी को सुनवाई होनी है। अब इंस्पेक्टर कपिल सिहाग को गिरफ्तार किया है।

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