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फतेहाबाद में धान की सीधी बिजाई का टारगेट हुआ तीन गुना

फतेहाबाद, 22 जून (हप्र) जिले व प्रदेश में लगातार गिर रहे भूजल स्तर को बचाने के लिए प्रदेश सरकार अनेक योजनाएं चलाती है, ताकि भूमिगत जल का कम से कम दोहन हो। प्रदेश सरकार द्वारा ‘मेरा पानी, मेरी विरासत’ नाम...
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फतेहाबाद, 22 जून (हप्र)

जिले व प्रदेश में लगातार गिर रहे भूजल स्तर को बचाने के लिए प्रदेश सरकार अनेक योजनाएं चलाती है, ताकि भूमिगत जल का कम से कम दोहन हो। प्रदेश सरकार द्वारा ‘मेरा पानी, मेरी विरासत’ नाम से योजना चलाई गई है, जिसमें किसानों के लिए फसलों के विविधीकरण के साथ धान की सीधी बिजाई करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाता है। इस वर्ष इसके लिए दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि 4 हजार प्रति एकड़ से बढ़ाकर 4500 रुपये प्रति एकड़ कर दी गई है। हालांकि बीते वर्ष की प्रोत्साहन राशि अभी तक सभी किसानों को नहीं मिली है। बीते सप्ताह कुछ किसानों के खाते में मुख्यालय से पैसे डलने शुरू हुए हैं।

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इस वर्ष सरकार ने जिले फतेहाबाद के कृषि विभाग को धान की सीधी बिजाई के लक्ष्य को बढ़ाकर पिछले साल से तीन गुना कर दिया है। पिछले साल 25 हजार एकड़ में सीधी बिजाई का लक्ष्य रखा गया था, जिसे इस साल बढ़ाकर 75 हजार एकड़ कर दिया गया है। हालांकि बीते वर्ष किसानों ने करीब 14हजार एकड़ में धान की सीधी बिजाई की थी। कृषि विभाग ने इसे डीएसआर योजना का नाम दिया है। इससे जल संरक्षण तो होगा ही, किसानों को प्रोत्साहन राशि भी मिलेगी। प्रदेश सरकार ने धान की सीधी बिजाई के लिए प्रोत्साहन राशि के साथ धान की सीधी बिजाई की मशीन खरीदने वाले किसानों को भी 40 हजार रुपये की अनुदान राशि देने की भी घोषणा की है। सीधी बिजाई का पंजीकरण करने की अंतिम तिथि 10 जुलाई रखी गई है। जिले में 50 किसानों को सब्सिडी पर डीएसआर मशीन दी जाएगी।

जिले में अभी तक हजार एकड़ से अधिक धान की सीधी बिजाई के लिए पंजीकरण हो चुका है। सीधी बिजाई तकनीक अपनाने से उत्पादन लागत में कमी आती है तथा 5-6 प्रतिशत पैदावार में भी बढ़ोतरी होती है। इससे खास बात यह है कि धान की सीधी बिजाई में 15 से 20 प्रतिशत तक पानी की बचत होती है। किसान इस बात का ध्यान रखें कि धान की सीधी बिजाई उन्हीं खेतों में करें जिनमें रबी की फसल गेहूं की बिजाई की गई हो। धान की सीधी बिजाई पीबी-1509, पीआर-126 व पीबी-1847 के साथ ज्यादा कारगर है। अगर कोई प्रगतिशील किसान सही तरीके से धान की खेती करता है कि पानी की बचत 30 प्रतिशत तक बढ़ाई जा सकती है तथा सस्ती पड़ती है।

सवा लाख हेक्टेयर में होता है धान

बता दें कि जिले में धान की रोपाई सवा लाख हेक्टेयर में होती है, रतिया, टोहाना, फतेहाबाद व भूना इलाके में ज्यादातर किसान धान की खेती करते हैं, इसके अलावा फतेहाबाद के जिन गांवों में सेम की समस्या है उनमें भी किसान पिछले साल से धान लगाने लगे हैं। जिले में डेढ़ लाख एकड़ से अधिक क्षेत्र में नरमा की बिजाई हुई है। जिले की धान बैलट में धान की फसल में पानी का दोहन अधिक होने के चलते भू-जल स्तर लगातार नीचे जा रहा है। नीचे गिरते भू-जल स्तर को रोकने के लिए ही सरकार ने मेरा पानी मेरी विरासत स्कीम लागू की थी।

इसी सप्ताह आ जाएगी प्रोत्साहन राशि

धान की सीधी बिजाई के लिए सरकार ने 75 हजार एकड़ का लक्ष्य दिया है, जोकि गत वर्ष के मुकाबले तीन गुना है। जिन किसानों ने पिछले साल पंजीकरण करवाया था, उन किसानों के खाते में इस सप्ताह प्रोत्साहन राशि जारी हो जाएगी। किसान जल संरक्षण के लिए आगे आएं और धान की रोपाई की जगह धान की सीधी बिजाई करें। इससे किसान को प्रति एकड़ 10 हजार रुपये का फायदा होगा।

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